एआईएडीएमके चीफ जे जयललिता की मौत के बाद तमिलनाडू की सियासत गर्म हो गई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ जंग का बिगुल बजा दिया है। पन्नीसेल्वम ने कहा कि उनसे जबरन इस्तीफा लिया गया है। सेल्वम के तेवर देखने के बाद उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है। इन सब घटनाओं से बीजेपी ने फायदा लेने का मन बना लिया है।
बीजेपी नेताओं ने पन्नीरसेल्वम को खड़ा होकर अपनी अहमियत जाहिर करने के लिए कहा था। पांच दिसंबर को जयललिता के निधन के बाद, शक्तियों के स्थानांतरण को लेकर वीके शशिकला की जल्दबाजी ने पन्नीरसेल्वम को यह कदम उठाने पर मजबूर किया। पन्नीरसेल्वम ने ‘खुद को जाहिर करने क लिए समय लिया’, उन्हें पता था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के नेता उनके लिए खड़े हैं।
गवर्नर सी विद्यासागर राव का सोमवार को खुद को अनुप्लब्ध दिखाने को एआईएडीएमके में एंटी-शशिकला खेमे को मजबूती के लिए कुछ समय देने के सोचे-समझे कदम के तौर पर देखा जा रहा है ताकि शशिकला के सामने एक संवैधानिक संकट आ जाए।
शशिकला के पति एम नटराजन ने पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में कैंप कर कई कांग्रेस नेताओं और कपिल सिब्बल समेत वरिष्ठ वकीलों से भी मिले थे। इससे चेन्नई के सत्ता-संघर्ष को लेकर बीजेपी के स्टैंड पर लंबी चर्चाएं शुरू हो गई थी। बीजेपी का मानना रहा है कि शशिकला को तभी सत्ता लेनी चाहिए जब सुप्रीम कोर्ट दिवंगत जयललिता और उनके खिलाफ चल रहे केस में फैसला सुना दे। पार्टी संसद में एआईएडीएमके के संख्या बल से भी वाकिफ है। लोकसभा में 37 और राज्य सभा में 13 सीटों वाली एआईएडीएमके सदन में कई बिल पास कराने के काम आ सकती है। शशिकला को इस बात की जानकारी है कि मोदी और शाह, दोनों ने अपना समर्थन पन्नीरसेल्वम को दे रखा है।