अपराध की कोई शक्ल नहीं होती बल्कि अपराध का बोध तब होता है जब कोई अनहोनी घटना घटित हो जाती है तब उसकी असल चेहरा सामने आता है लेकिन तब तक देर हो जाती है और हम सिर्फ और सिर्फ हाथ पर हाथ धरकर रह जाते हैं। बाल अपराध पूरे विश्व में एक समस्या के तौर पर सामने है और ये समस्या सिर्फ गिरती मानसिकता और अपनी जरूरतें पूरी करने की हवश के कारण हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बाल शोषण के आधार पर भारत में वर्ष 2007 में कराये गये अध्ययन से पता चला कि विभिन्न प्रकार के शोषण में पांच से 12 वर्ष तक की उम्र के छोटे बच्चे शोषण और दुर्व्यवहार के सबसे अधिक शिकार होते हैं तथा इन पर खतरा भी सबसे अधिक होता है। इन शोषणों में शारीरिक, यौन और भावनात्मक शोषण शामिल होता है। इस अध्यन के अनुसार हरेक तीन में से दो बच्चे शारीरिक शोषण के शिकार होता है।
इस घटना से बचने के लिए आज का हमारा ये वीडियो आपको शायद रास्ता दिखने का काम कर सके। इस वीडियो में ट्यूशन पढ़ाने वाली एक महिला टीचर 11 साल के मासूम जो कि उसके पास आता तो था पढाई करने लेकिन उसको अपनी टीचर की हवस का शिकार होना पड़ता था और धमकी भी दी जाती थी कि वो किसी को बताये ना। उस बच्चे को उसके माता-पिता अपना भविष्य बेहतर बनाने के लिए पढाई के लिए ट्यूशन के नाम पर एक टीचर के पास भेजते हैं| उन्हे तो लगता है उनके इस फैसले से उनके बच्चे का भविष्य सुधर जायेगा, लेकिन उन्हे क्या ही पता था कि वो टीचर ट्यूशन के नाम पर उस मासूम के साथ हर दिन अश्लील हरकत ही करती थी|
http://viral24.news/2017/01/28/lady-teacher-seduces-student/2/