मेघालय के गवर्नर वी. षणमुगनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राजभवन सूत्रों के मुताबिक मेघालय की स्थानीय मीडिया में कथित यौन उत्पीड़न की खबरें आने के बाद बढ़े विवाद के चलते वी. षणमुगनाथन ने इस्तीफा दिया है। इन खबरों में उन्हें यौन दुर्व्यवहार का आरोपी बताया जा रहा था।
Meghalaya governor V Shanmuganathan has resigned: Raj Bhavan sources
— ANI (@ANI_news) January 26, 2017
इन रिपोर्ट्स में एक महिला के बयान का उल्लेख था, जो नौकरी के लिए राज्यपाल ऑफिस आई थी। बाद में पिछले हफ्ते गवर्नर हाउस के कर्मचारियों ने एक पत्र प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजा, जिसमें राज्यपाल को ‘दफ्तर की गरिमा से समझौता’ करने का आरोपी बताया गया। हालांकि अरुणाचल प्रदेश का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे राज्यपाल वी. षणमुगनाथन ने मीडिया के आरोपों को खारिज किया, लेकिन अपने कर्मचारियों के आरोपों पर उन्होंने अभी तक कुछ नहीं कहा है।
शिलॉन्ग टाइम्स के साथ बातचीत में राज्यपाल ने गुरुवार को कहा, ‘ये सारी चीजें ठीक नहीं हैं.. हमने केवल एक व्यक्ति को चुना। जिनका चुनाव नहीं हुआ उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक गवर्नर हाउस के 98 कर्मचारियों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा, यह पत्र सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है। अमर उजाला इस पत्र की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। हालांकि इस पत्र में राज्यपाल के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं।
पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल ने अपना काम करने के लिए सिर्फ महिलाओं का चयन किया है और निजी सचिव पुरुष अधिकारी को अपने सचिवालय भेज दिया है। राजभवन के कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि षणमुगनाथन ने राजभवन को ‘युवतियों का क्लब’ बना दिया।
हालांकि राज्यपाल ने इन आरोपों का खंडन किया। इस बीच महिला कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया था।
मई 2015 में मेघालय के राज्यपाल के रूप में शपथ लेने वाले षणमुगनाथन ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया था। गुरुवार को दिन में मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कहा था कि वह इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय के फैसले का इंतजार करेंगे।