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दिल्ली में उपद्रव के बाद तैनात होंगी 15 पैरामिलिट्री कंपनियां, किसान मोर्चे ने बवाल से पल्ला झाड़ा।

26 जनवरी 2021 में देश की राजधानी में किसानों के ट्रैक्टर रैली की आड़ में किए गए उपद्रव से देश शर्मसार हो गया है। लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे झंडे की जगह दूसरा झंडा फहराना एक तरह से देश ही नहीं बल्कि हर भारतीय का अपमान है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा भड़क रहा है। दिल्ली में 1500 से अधिक अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी। बैठक में तत्काल प्रभाव से उन संवेदनशील जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं, जहां पर आज हिंसा हुई है।

नई दिल्ली-गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों के उग्र आंदोलन और दिल्ली में स्थिति को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुबह से लेकर अब तक के हालात को लेकर गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठकों का दौर जारी है। इस बैठक में गृह सचिव, दिल्ली पुलिस के अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक में फैसला लिया गया कि अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों को दिल्ली में तैनात किया जाएगा। ये उन 15 कंपनियों के ऊपर होंगे, जो कल भेजी गई थीं। 5 कंपनियां आज स्टैंडबाय पर थीं। यानी दिल्ली में 1500 से अधिक अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी। बैठक में तत्काल प्रभाव से उन संवेदनशील जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं, जहां पर आज हिंसा हुई है। यह जगह नांगलोई, आईटीओ और गाजीपुर हैं।

गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस द्वारा बनाई गई विशेष टीम दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों से जानकारी ले रही है। दिल्ली में आज हुए शर्मशार कर देने वाली घटना में किसानों की ट्रैक्टर रैली अब उग्र हो गया है। आईटीओ पर बवाल के बीच कई किसान लाल किले पर पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि करीब दो दर्जन ट्रैक्टरों पर सवार सैकड़ों किसान लाल किला परिसर में पहुंच गए हैं, जहां उन्होंने हंगामा शुरू कर लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे झंडे की जगह दूसरा झंडा फहराना एक तरह से देश ही नहीं बल्कि हर भारतीय का अपमान है। संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान रैली के दौरान दिल्ली के कुछ इलाकों में हुए बवाल के बीच बयान जारी कर कहा है कि हमारे सारे प्रयासों के बावजूद कुछ संगठनों व लोगों ने तय रूट का उल्लंघन किया और यह निंदनीय कृत्य किया। रैली में असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ कर ली, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था। हमने हमेशा कहा है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और इसका उल्लंघन आंदोलन को आघात पहुंचाएगा।

बयान में आगे कहा गया है कि हम गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित ट्रैक्टर रैली में किसानों के अभूतपूर्व समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। इसके साथ ही अवांछित व अस्वीकार्य घटनाओं की हम निंदा करते हैं और खेद प्रकट करते हैं। मोर्चे ने कहा कि इन घटनाओं से वह खुद का अलग कर रहा है। उसका इनसे कोई संबंध नहीं है। आज देश 72 वां गणत्रंत्र दिवस मना रहा था, इस दिन पर सभी भारतीयों को गर्व है। ऐसे में 26 जनवरी 2021 में देश की राजधानी में किसानों के ट्रैक्टर रैली की आड़ में किए गए उपद्रव से देश शर्मसार हो गया है। लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे झंडे की जगह दूसरा झंडा फहराना एक तरह से देश ही नहीं बल्कि हर भारतीय का अपमान है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा भड़क रहा है।

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