पौड़ी। प्रदेश में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। मैदानी इलाकों के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। पौड़ी गढ़वाल में डेंगू ने अपने पैर पसार लिए हैं। जनपद में अभी तक 163 मामले सामने आए हैं। जिसमें से कोटद्वार में 118, श्रीनगर में 15 और यमकेश्वर में 19 मामले सामने आए हैं। कोटद्वार में डेंगू के 5 सक्रिय मामले हैं।
डीएम आशीष चौहान ने वर्चुअली नगर पालिका, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसी बीच उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भले ही डेंगू के मामलों में डाउनफॉल आ रहा हो, लेकिन फॉगिंग और लार्वा का छिड़काव कार्य निरंतर जारी रखें।
एसीएमओ पारुल गोयल ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार डेंगू के मामले कम हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। जनपद के हर बड़े अस्पताल में डेंगू वार्ड अलग से बनाया गया है, जहां पर डॉक्टरों की टीम को 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी डेंगू मरीज को कोई दिक्कत नहीं होने दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम नगर पालिकाओं के साथ मिलकर काम कर रही है।
डेंगू से बचने के लिए क्या करें…
- पानी की टंकियों और कंटेनरों का ढक्कन कसकर बंद करें।
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें पूरी बांह के कपड़े पहनें।
- जरुरत पड़ने पर मच्छर भगाने वाली क्रीम या कॉइल का इस्तेमाल करें।
- कूलर, ड्रम टंकी, बाल्टी आदि में पानी जमा ना होने दें। दोबारा उपयोग से पूर्व उन्हें अच्छी तरह सुखाएं।
- हैंडपंप के आसपास भी पानी इकट्ठा ना होने दें।
- जमा पानी पर मिट्टी का तेल या इंजन का जला हुआ तेल डालें और आसपास सफाई रखें।
- बुखार होने पर सिर्फ पैरामसिटामोल लें, खूब पानी पीएं और डॉक्टर की सलाह लें।
डेंगू से बचाव के लिए क्या न करें…
- अपने आस-पास पानी न जमा होने दें।
- नारियल के छिलके, पुराने टायर, डिब्बे, बोतलें, टिन आदि को खुले में न फेंके।
- डेंगू बुखार के लिए कोई खास दवा नहीं है, इसलिए खुद से दवा लेने से बचें।
- डेंगू बुखार के सामान्य लक्षण दिखने पर या डॉक्टर की सलाह के बिना अस्पताल में भर्ती होने पर जोर न दें।