देहरादून। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने किशोरी के दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा के अनुसार एक व्यक्ति ने पटेलनगर कोतवाली में तहरीर दी कि 30 नवंबर 2019 को उनकी पुत्री स्कूल गई थी जोकि शाम तक वापस नहीं आई। उन्होंने स्कूल में जाकर देखा तो वहां ताला लगा हुआ था। आसपास के गांव में पूछताछ व तलाश करने पर पुत्री का कहीं अता पता नहीं लगा। उन्हें शक है कि उनकी बेटी को अब्दुल्ला पेंटर भगाकर कहीं ले गया है। सुबह स्कूल जाते समय उनकी पुत्री 1.85 लाख रुपये घर से लेकर गई थी।
इस मामले में पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने तीन दिसंबर 2019 को अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा किया। इस मामले में पुलिस ने पीड़ित को छह दिसंबर 2019 को बरामद करने के बाद आरोपित अब्दुल्ला निवासी मौजमपुर नारायण, बिजनौर उत्तर प्रदेश को 14 दिसंबर 2019 को गिरफ्तार किया था। अपने बयानों में पीड़ित ने बताया कि वह 11वीं तक पढ़ी है। अब्दुल्ला छुट्टी के समय स्कूल के बाहर आता था और जबरदस्ती कभी उसका हाथ तो कभी गले में हाथ डालता था।
पीड़ित ने बताया कि आरोपित उस पर शादी का दबाव बना रहा था, लेकिन बार-बार मना करने के बाद अब्दुल्ला ने उसका मोबाइल नंबर लिया और फोन पर बात करके शादी की दबाव बनाने लगा। उसका नंबर ब्लाक किया तो वह अलग-अलग नंबरों से फोन करने लगा। इसके बाद आरोपित ने उसे धमकी दी कि अगर घर पर रखे गहने व नकदी लेकर नहीं आई तो वह उसके स्वजनों को मार देगा। पीड़ित ने बताया कि 30 नवंबर 2019 को वह घर से 1.85 लाख रुपये लेकर स्कूल पहुंची। उसके पिता ने यह रुपये जमीन बेचकर घर पर रखे थे।
इसके बाद आरोपित ने उसे कार में बैठाया और कहा कि थोड़ा आगे तक चलते हैं। आरोपित उसे आगे से बस में बैठाकर बिजनौर अपनी बहन के घर ले गया, जहां उससे रुपये व मोबाइल छीन लिया। छह दिन तक उसे कमरे में बंद करके रख और उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसे पता चला कि उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई तो वह उसे अपनी बहन की ननद के घर ले गया और डर के मारे छह दिसंबर 2019 को पटेलनगर में छोड़ दिया। इसके बाद वह स्वयं शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंची।