देहरादून। उत्तराखंड चारधाम की यात्रा जोरों शोरों पर चल रही है। वर्तमान स्थिति यह है कि पिछले कुछ दिनों की तुलना में चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में थोड़ा इजाफा देखा जा रहा है। वहीं चारधाम की यात्रा पर होने वाले श्रद्धालुओं के मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। 30 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा में अब तक 32 तीर्थयात्रियों की जान जा चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केदारनाथ धाम में अब तक सबसे ज़्यादा 15 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को बेंगलुरु निवासी 59 वर्षीय व्यक्ति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। केदारनाथ धाम की यात्रा कठिन मानी जाती है, जहां श्रद्धालुओं को 16 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी होती है और तापमान भी काफी कम रहता है। यही वजह है कि यहां ज्यादा जानलेवा घटनाएं सामने आ रही हैं।
यमुनोत्री और गंगोत्री में भी बढ़ रही हैं मौतें
केदारनाथ के बाद यमुनोत्री और गंगोत्री में कुल 13 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि बद्रीनाथ धाम में 4 श्रद्धालुओं की जान गई है। इनमें से कुछ मौतें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण हुई हैं, जबकि 6 श्रद्धालुओं की जान हेलिकॉप्टर दुर्घटना में गई थी।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बनी मुख्य वजह
हर वर्ष उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा से पहले एक हेल्थ एडवाइजरी जारी करता है, जिसमें तीर्थयात्रियों को विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। ऊंचाई, ठंडा मौसम और शारीरिक थकावट जैसे कारण श्रद्धालुओं की जान के लिए खतरा बन सकते हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, इस बार भी यात्रा शुरू होने के बाद से मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
बद्रीनाथ में तीर्थयात्रियों
मौसम की अनिश्चितता के बावजूद बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। पिछले 19 दिनों में यहाँ 3 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुँच चुके हैं, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। आने वाले दिनों में इस संख्या के और बढ़ने की पूरी संभावना है।