देहरादून: चित्रकार कृतिका उनियाल जी की द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर यशकृतिका फाउंडेशन द्वारा “स्मरण चित्रकला प्रदर्शनी” का आयोजन दिनांक 14 से 20 मई 2025 तक उत्तरा आर्ट गैलरी, एमडीडीए काम्प्लेक्स, घण्टाघर, देहरादून में किया गया। यह आयोजन एक श्रद्धांजलि मात्र न होकर एक जीवंत कला अनुष्ठान बन गया, जिसमें उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देशभर के कलाकारों ने भाग लेकर चित्रकार कृतिका जी को अपने रंगों से स्मरण किया।

प्रदर्शनी का शुभारंभ 14 मई को दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात उपस्थित कलाकारों, कला प्रेमियों एवं कृतिका उनियाल जी के परिजनों व कला गुरू मौहम्मद मोईन, प्रबन्धक, चित्रलेखा आर्ट स्कूल द्वारा उनके चित्रों के समक्ष पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। यह दिन कला, स्मृति और भावनाओं से ओतप्रोत रही। कृतिका जी की कला यात्रा को दर्शाते हुए उनके जीवन के प्रमुख चित्रों की श्रृंखला ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
15 मई – को कलाकारों एवं वरिष्ठ कला समीक्षकों द्वारा कला के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा आयोजित की गई। इस सत्र में जलरंग, तैलरंग, मिश्रित माध्यम, समकालीन कला के ट्रेंड, महिला चित्रकारों की भूमिका जैसे विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। वक्ताओं में वरिष्ठ चित्रकारों एवं कला शिक्षकों ने भाग लिया और कृतिका उनियाल जी की चित्र शैली, विषय चयन और उनकी संवेदनशील दृष्टि की सराहना की।
16 मई –को प्रसिद्ध चित्रकार मोहम्मद मोईन जी द्वारा जलरंग पर एक लाइव डेमोस्ट्रेशन दिया गया। प्रतिभागियों ने जलरंग की तकनीक, परतों का उपयोग, रंग संयोजन और सूक्ष्म विवरणों की बारीकियाँ सीखी। इस अवसर पर शैलेंद्र नेगी, नगर आयुक्त ऋषिकेश द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।

17 मई – को तैलरंग माध्यम पर केंद्रित सत्र आयोजित हुआ। मोहम्मद मोईन द्वारा प्रस्तुत पोट्रेट निर्माण प्रक्रिया ने युवा कलाकारों को अत्यंत प्रभावित किया। चित्रों में चेहरे की भाव-भंगिमा, प्रकाश-छाया का संतुलन और गहराई को उकेरने की तकनीक सिखाई गई।
18 मई – को विभिन्न कॉलेजों से आए छात्रों के साथ-साथ नामचीन कलाकारों ने भी भाग लिया। सत्र में संस्कृति विभाग के सचिव युगल किशोर पंत जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। उन्होंने कहा कि “कला किसी भी समाज का आईना होती है, और कृतिका जी की कला में सम्वेदनाओं की गहराई साफ दिखाई देती है। इस अवसर पर https://www.yashkritikafoundation.org का शुभारंभ भी किया।

19 मई- को अश्वत्थ स्कूल, देहरादून के बाल छात्र/छात्राओं द्वारा चित्रकारों के मार्गदर्शन में सुन्दर चित्र तैयार किये गये।


20 मई– प्रदर्शनी का समापन एक विशेष समारोह के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में गौपाल राम बिनवाल, उप नगर आयुक्त, देहरादून व प्रसिद्ध पत्रकार और कला समीक्षक एन्द्रानी पांति उपस्थित रहीं। उन्होंने कलाकारों के चित्रों की सराहना करते हुए प्रत्येक चित्र में छिपी भावना और दृष्टिकोण को समझने का प्रयास किया।
इस सात दिवसीय कला प्रदर्शनी में अनेक वरिष्ठ एवं नवोदित कलाकारों ने भाग लिया। प्रमुख आमंत्रित कलाकारों में कर्नल भारत भण्डारी जी ने ‘घोड़ों की श्रृंखला’ प्रस्तुत की, जो जीवन में गतिशीलता, साहस और ऊर्जा का प्रतीक थी। चंद्रबहादुर रसाइली जी ने अपने चित्रों में महिलाओं के विविध रूपों को प्रस्तुत किया। मिनरवा इंस्टिट्यूट के प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश मिश्रा जी ने ‘रामायण प्रसंग श्रृंखला’ के माध्यम से पौराणिक भावभूमि को पुनः जीवंत किया।

देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के प्रमुख कार्यवाहक डॉ. राजकुमार पांडेय जी ने उत्तराखंड की चर्चित ‘सिल्कीयारा सुरंग घटना’ को अपने चित्रों के माध्यम से अत्यंत सूक्ष्मता एवं संवेदना के साथ दर्शाया। वहीं आचार्य डॉ. मंतोष यादव ने ‘त्रिमुखी गणेश’ को रंगों और रूपों के माध्यम से प्रस्तुत कर सुख, समृद्धि और शांति का संदेश दिया।
प्रदर्शनी में सम्मिलित अन्य कलाकारों में ज़ाकिर हुसैन, समशेर वारसी, सुरेन्द्र सिंह, कहकशां, प्रीति, आरुषि, श्रद्धा शुक्ला, राहुल कुमार, संगीता, डॉ. पवनेंद्र तिवारी, श्रीरूप मन्ना, दीपक कन्नौजिया, सुदीप शर्मा, मनोज रावत, शालिनी भण्डारी, संजय कुमार, मुक्ता जोशी, दीपांजलि सिंह, मनन दलीप, नमोकार, अविरल, राजेश पेटवाल, प्रज्ञा, मिनाक्षी नेगी, मयंक, तनीषा, सपनाकुमारी, दीक्षा, निशा, दिव्या, बॉबी, सुबोध नेगी, उमंग, देवांशी, रूद्र, रिया, शुर्यांश, विक्रम, मानसी,विदुषी, भानुदेव शर्मा, शिल्पी सिन्हा, शिल्पी रस्तोगी, स्नेहा, विना थापा, रूचि जयमल, अर्जुन,आदि ने भी अपनी विविध विषयवस्तु वाली कृतियों के माध्यम से दर्शकों को प्रभावित किया। प्रत्येक चित्र ने अपनी अनोखी रंग योजना और भावाभिव्यक्ति के कारण गहरी छाप छोड़ी।

इस सफल आयोजन के पीछे यशकृतिका फाउंडेशन के संस्थापक श्री यशपाल उनियाल जी का एवं कमलेश नेगी जी का अथक प्रयास और समर्पण रहा। उन्होंने अपनी टीम के नरेन्द्र रौथाणा, वेदिका वेद, मो. मोईन, मनीष गुसाई, ख़ुशी चंदौला, ओम थपरियाल, दिनेश उप्रेती, भुवन मेलठा, ऊषा बिष्ट, पूजा चौहान, आरती बुडोला, के साथ मिलकर कार्यक्रम की समस्त रूपरेखा को सुसंगठित ढंग से कार्यान्वित किया। फाउंडेशन ने न केवल एक प्रदर्शनी का आयोजन किया, बल्कि चित्रकार कृतिका उनियाल जी की कला यात्रा को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाया।
इस सात दिवसीय आयोजन में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, मसूरी, हल्द्वानी सहित अन्य नगरों से आए सैकड़ों दर्शकों, छात्रों, कला शिक्षकों, समीक्षकों और मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कला प्रेमियों के लिए यह प्रदर्शनी एक आत्मीय अनुभव रहा, जहाँ कृतिका जी की स्मृति में सृजन की नई लहरें उठीं। यह आयोजन न केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि थी, बल्कि उत्तराखंड की कला संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में एक सशक्त कदम भी सिद्ध हुआ।