दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना के अर्न्तगत निदेशालय ने ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट से उत्पादों की ब्रिक्री का समझौता कर उत्तराखंड में क्षेत्र विशेष की पहचान वाले और घरों में बने हुए उत्पाद चमोली का आसन हो या अल्मोड़ा का हैंडीक्राफ्ट, चंबा के अंगूरी स्वेटर हों या बागेश्वर के ऊनी वस्त्र, सभी को फ्लिपकार्ट पर ग्राहक हाथों हाथ ले रहे हैं।
देहरादून-शहरी विकास निदेशालय ने ग्रामीणों के लिए रोजगार का नया मंच दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना के तहत प्रदेशभर में स्वयं सहायता समूह बनाने वाले लोगों को घर बैठे ही रोजगार मिल रहा है। पहले इन समूहों के लिए अपने उत्पाद को बाजार देने की सबसे बड़ी समस्या होती थी, लेकिन निदेशालय की ओर से जब से ई-कॉमर्स का मंच उपलब्ध कराया गया है, तब से यह अच्छा रोजगार बनकर उभर रहा है।

दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना के अर्न्तगत उपलब्ध कराते हुए निदेशालय ने ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट से उत्पादों की ब्रिक्री का समझौता कर उत्तराखंड में क्षेत्र विशेष की पहचान वाले और घरों में बने हुए उत्पाद चमोली का आसन हो या अल्मोड़ा का हैंडीक्राफ्ट, चंबा के अंगूरी स्वेटर हों या बागेश्वर के ऊनी वस्त्र, सभी को फ्लिपकार्ट पर उपलब्धता से ग्राहक हाथों हाथ ले रहे हैं। घर बैठे मिल रहा रोजगार अभी तक शहरी विकास निदेशालय स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किए गए 50 उत्पादों को वेबसाइट पर उपलब्ध करा चुका है। निदेशालय का मकसद इनकी संख्या में और इजाफा करना है। सरकार इस प्रयोग के सफल परिणाम से उत्साहित होकर जल्द ही अमेजन के साथ भी समझौता की बातचीत अंतिम दौर में चल रही है। सरकार की इस योजना के तहत शहरी विकास निदेशालय अब तक प्रदेश में 350 स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर चुका है।
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