कोटद्वार। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में 8 माह से अधिक समय के बाद पहली बार तीनों आरोपियों को कोटद्वार स्थित सिम्लचौड़ न्यायालय के अपर जिला जज कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान कोर्ट में तीनों आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए हैं। वहीं, तीनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं किया और कोर्ट ट्रायल की प्रार्थना की। जिसके बाद कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 मार्च की तिथि नियत की है। साथ ही अंकित और पुलकित की जमनात प्रार्थना पत्र की याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी।
बता दें कि पुलिस आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लेकर पहुंची। इस दौरान विभिन्न संगठन कोर्ट परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए। वहीं, जैसे ही पुलिस आरोपियों को लेकर पहुंची कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्हें रोका तो कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प शुरू हो गई। जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट से सामने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जबरन गिरफ्तार कर लिया।
आपको बता दें कि जनपद पौड़ी के श्रीकोट गांव निवासी अंकिता यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के गंगा भोगपुर क्षेत्र में वनंत्रा रिसोर्ट में काम करती थी। 18 सितंबर 2022 को अंकिता वनंत्रा रिसोर्ट से गुमशुदा हो गई थी। रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता के पिता को सूचना दी कि बेटी रिसोर्ट से गायब हो गई है। अंकिता के पिता ने तत्काल राजस्व क्षेत्र गंगा भोगपुर में बेटी अंकिता की गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। कुछ दिन बाद उत्तराखंड पुलिस ने रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसके दोस्त अंकित गुप्ता व सौरभ की निशानदेही पर अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद किया। शव मिलने पर अंकिता के हत्याकांड में लिप्त होने पर पुलिस ने पुलकित आर्य उसके दोस्त अंकित गुप्ता और सौरभ को गिरफ्तार कर पौड़ी जेल भेज दिया। इसके बाद तीनों की जेलें बदल दी गईं। पहली बार हत्या के मामले में तीनों अभियुक्तों को कोटद्वार न्यायालय में पेश किया गया है।