नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत 3 से 11 साल तक की बच्चों की पढ़ाई के लिए भाषा को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत सभी स्कूलों से कहा गया है कि भाषा की पढ़ाई को लेकर वे NCF के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
सीबीएसई ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं, कि वो मई अंत तक स्कूल में एक कमेटी बनाएं जो एनसीएफ के द्वारा जारी गाइडलाइन को अमल में लाने का काम करेंगे। यह कमेटी छात्रों के मातृभाषा, संसाधन और करिकुलम पर कार्य करेगी। इस कमेटी का काम छात्रों की भाषा जरूरतों का आकलन करना और टीचिंग मटेरियल तैयार करवाना होगा। बता दें, इस गाइडलाइन को जारी करने का मकसद बच्चों को उनके मातृभाषा में मजबूत आधार देना है।
नई गाइडलाइन सभी सीबीएसई स्कूलों में जुलाई अंत तक लागू हो जाने का निर्देश जारी किया गया है। जारी नई गाइडलाइन में शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के अलावा यह भी कहा गया कि स्कूल जुलाई से हर महीने की पांच तारीख तक NCF लागू करने की स्टेटस रिपोर्ट बोर्ड को भेजें। रिपोर्ट भेजने को लेकर बोर्ड ने एक लिंक भी जारी किया है। सीबीएसई ने कहा कि गर्मियों की छुट्टी तक सभी स्कूलों को सिलेबस और नई भाषा में बच्चों को पढ़ाने का टीचिंग मटेरियल तैयार करना होगा। नई गाइडलाइन को स्कूल में लागू करने से पहले शिक्षकों को ट्रेनिंग और वर्कशॉप पूरी करनी होगी।
क्या है एनसीएफ
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) को लागू करने के लिए सरकार ने NCF पेश किया था। एनसीएफ में स्कूल करिकुलम को चार हिस्सों में बांटा गया है, फाउंडेशन स्टेज, प्रीपेरेटरी स्टेज, मिडिल स्टेज और सेकेंडरी स्टेज। फाउंडेशन स्टेज यानी कि 3-8 साल, प्रीपेरेटरी स्टेज 8 से 11 साल, मिडिल स्टेज 11-14 साल, सेकेंडरी स्टेज 14-18 साल।
सीबीएसई की ताजा गाइडलाइन फाउंडेशन और प्रिपरेटरी स्टेज को लेकर जारी की गई है। जिसके मुताबिक, फाउंडेशन स्टेज के बच्चों को उसकी मातृभाषा में ही गाइडेंस दिए जाएंगे, उनकी बुनियादी पढ़ाई उनके मातृभाषा में कराई जाएगी। NCF ने R1 को मातृभाषा और R2 को दूसरी भाषा के रूप में लागू करने के निर्देश दिए हैं।