देहरादून। चार धाम की यात्रा शुरू हो चुकी है। अब तक लाखों लोग दर्शन कर लिए हैं और कई लाख श्रद्धालुओं का आना अभी बाकी है। यात्रा शुरू होने के पांच दिनों में बीते वर्ष की तुलना में तीर्थयात्रियों की संख्या 1.15 लाख अधिक है। इसी कड़ी में उत्तराखंड प्रशासन ने श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुए बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब चारधाम यात्रा पर आने वाले 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की स्वास्थ्य जांच पर विशेष फोकस किया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले 50 वर्ष से अधिक आयु के श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर हमेशा से सुपर स्पेशलिटी सेंटर का अभाव रहा है। इसके दृष्टिगत श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में इस बार कैथ लैब शुरू कर दी गयी है, साथ ही ‘यू कोट वी पे’ योजना के जरिये नए सुपर स्पेशलिटी को अपनी सेवाएं देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच से लेकर तमाम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गत वर्ष यात्रा काल में 55 वर्ष से अधिक के लगभग साढ़े सात लाख लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई थी।
इस बार हमारा लक्ष्य है कि 50 वर्ष से अधिक के लोगों की ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य जांच की जाए। उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा मार्ग पर 184 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। जबकि पिछले साल 140 डॉक्टर तैनात किए गए थे। इनमें 44 विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं। यात्रा में तैनात चिकित्सकों के साथ ही पैरा मेडिकल स्टाफ को एनएचएम के माध्यम से मानदेय की व्यवस्था की गई। चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देश 11 भाषा में जारी किए गए। एसओपी सभी राज्यों के सचिवों को भेजी गई है। जानकी चट्टी में पहली बार मेडिकल प्वाॅइंट बनाया गया है।