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उत्तराखंड: भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर ले गई बहन, सीएम ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश

हल्द्वानी/देहरादून। उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई थी, जहां प्राइवेट एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने पर महिला अपने भाई की लाश को टैक्सी की छत पर बांधकर 195 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग गांव में ले गई। वहीं अब इस घटना के बाद सीएम धामी ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

दरअसल शनिवार 7 दिसंबर को एक युवती को अपने भाई के शव को हल्द्वानी से पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिली थी। एंबुलेंस वालों ने मनमाने पैसे मांगे थे, जो उसके पास नहीं थे। जिसके बाद उसने अपने भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधा और अपने घर तक लेकर आई।

मुख्यमंत्री धामी ने दिए जांच के आदेश:-

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। इस मामले में जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को मामले की विस्तृत जांच करने तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़ी हिदायत देते हुए कहा है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।

स्वास्थ्य सचिव से मांगी रिपोर्ट:-

इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल हरीश पंत ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है, साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कुमाऊं मंडल में जितने भी मोर्चरी केंद्र हैं, वहां पर शवों को लाने ले जाने के लिए कितने एंबुलेंस उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी दी जाए। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी मोर्चरी केंद्र में कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है, इसकी जानकारी दी गई है। भविष्य में इस तरह की घटना का पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए एंबुलेंस तैनात करने की व्यवस्था की जा रही है।

ये है पूरा मामला:-

पिथौरागढ़ के बेरीनाग क्षेत्र के तमोली ग्वीर गांव की रहने वाली शिवानी (22) अपने छोटे भाई अभिषेक (20) के साथ हल्द्वानी के हल्दूचौड़ स्थित एक कंपनी में काम करती थी। पुलिस के मुताबिक अभिषेक शुक्रवार को सिर में दर्द होने की बात कहते हुए काम से जल्दी घर आ गया और बाद में वो रेलवे पटरी के पास बेसुध हालत में मिला जिसके बाद उसे इलाज के लिए सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम करवाने के बाद पुलिस ने शनिवार को अभिषेक का शव शिवानी को सौंप दिया था।

195 किमी तक गाड़ी की छत पर लाना पड़ा शव:-

शिवानी ने बताया कि शव को गांव ले जाने के लिए अस्पताल के शवगृह के बाहर खड़े कई एंबुलेंस चालकों से बात की लेकिन उन्होंने उसके लिए 10-12 हजार रुपये किराया मांगा। इतने पैसे उसके पास नहीं थे इसलिए उसने सबसे कम किराया लेने की मिन्नतें कीं, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। उन्होंने बताया कि आखिर में उसने अपने गांव के एक टैक्सी चालक को बुलाया और भाई के शव को सामान की तरह टैक्सी की छत पर बांधकर 195 किलोमीटर दूर घर तक ले गयी।

तीमारदारों ने लगाया ये आरोप:-

जिस अस्पताल में अभिषेक को ले जाया गया था और जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया था, वहां मौजूद तीमारदारों ने आरोप लगाया कि निजी एंबुलेंस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। वे रोगियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए उनसे मनमाफिक किराया वसूलते हैं।

परिजनों को प्रशासन ने सौंपी राहत राशि:-

डीएम विनोद गोस्वामी के निर्देश पर एसडीएम श्रेष्ठ गुनसौला, स्वास्थ्य विभाग और तहसील प्रशासन की टीम अभिषेक के घर पहुंची। माता पिता को ढांढस बंधाया और युवक की मौत पर दुख जताया। टीम ने 10 हजार की आर्थिक मदद करने के साथ मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दिलाने का भरोसा दिलाया।

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