चेन्नई। पूरे देश में ‘जहरीली’ कफ सिरप पीने से करीब 20 बच्चों की मौत का मामला गर्माया हुआ है। इसी सिलसिले में मध्य प्रदेश पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए श्रीसन मेडिकल्स के मालिक एस रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस कफ सिरप में 46.2 प्रतिशत डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया था, जो एक जहरीला रसायन है और किडनी फेल होने का प्रमुख कारण बनता है।
मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी को इस बात की जांच का जिम्मा सौंपा गया है कि आखिर कैसे इतनी बड़ी मात्रा में जहरीला कफ सिरप बाजार में पहुंचा और इसकी आपूर्ति श्रृंखला में कहां चूक हुई। छिंदवाड़ा पुलिस ने रंगनाथन की गिरफ्तारी के लिए 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। उसकी तलाश में मध्य प्रदेश पुलिस की एक विशेष टीम तमिलनाडु में कई दिनों तक डेरा डाले रही और अंततः चेन्नई में उसे धर दबोचा।
श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित इस कफ सिरप को बच्चों के लिए सामान्य सर्दी-खांसी के इलाज के रूप में बेचा जा रहा था, लेकिन इसकी जहरीली संरचना ने मासूम बच्चों की जान ले ली। डायएथिलीन ग्लाइकॉल एक ऐसा रसायन है, जिसका उपयोग औद्योगिक कार्यों में किया जाता है और यह मानव शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक है। इस घटना ने न केवल कंपनी की लापरवाही को उजागर किया, बल्कि दवा नियामक प्रणाली में सुधार की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित किया। इस त्रासदी के बाद स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने और अन्य संभावित खतरों को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं।
सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के सभी उत्पादों की तत्काल जांच की जाए और बाजार से इन्हें वापस मंगाया जाए। इस घटना ने जनता में दवा खरीदने से पहले सतर्कता बरतने और केवल प्रमाणित उत्पादों का उपयोग करने की जागरूकता बढ़ाई है। मध्य प्रदेश पुलिस और एसआईटी अब इस मामले में अन्य संलिप्त व्यक्तियों और कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है ताकि इस घोटाले की पूरी सच्चाई सामने आ सके।