देहरादून। राजधानी के रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर फोरलेन एलिवेटेड सड़क की योजना धरातल पर उतारने की कवायद शुरू हो गई है। शहर के ढाई हजार से ज्यादा मकानों को तोड़ने की जरूरत पड़ रही है। लोक निर्माण विभाग अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया देहरादून के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का कार्य बहुत तेज गति से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत शहर की दो बड़ी नदियों रिस्पना और बिंदाल नदी पर एलिवेटेड हाईवे सड़कें बनाई जा रही हैं।
रिस्पना पर इन मोहल्लों के भवन जद में आएंगे
11 किमी सड़क को अजबपुर कलां, धर्मपुर, डालनवाला, कंडोली, अधोईवाला, जाखन, धोरणखास, किशनपुर, तरला नागल, ढाकपट्ट में भूमि अधिग्रहण की जानी है। रिस्पना पुल से लेकर नांगल पुल तक 399 कच्चे, 771 पक्के मकान रोड की जद में आ रहे हैं। जिनमें से कुछ पूरी तरह से और कुछ का आंशिक अधिग्रहण किया जाएगा। रिस्पना नदी के ऊपर बनने वाले एलिवेटेड रोड के लिए 44.6421 और बिंदाल नदी के लिए 43.9151 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 26 मोहल्लों की भूमि शामिल है। इस भूमि पर 2619 कच्चे और पक्के मकान बने हुए हैं।
बिंदाल में यहां किया जाएगा अधिग्रहण
बिंदाल नदी पर बनने वाली 15 किमी सड़क के लिए कारगीग्रांट, ब्राह्ममणवाला, देहराखास, निरंजनपुर, कांवली, चुक्खूवाला, डोभालवाला, हाथीबड़कला, विजयपुर, जाखन, विजयपुर जोहड़ी, मालसी, प्रीतपुर सौंतर, किशनपुर और ढाकपट्टी में जमीन का अधिग्रहण होना है। हरिद्वार बाईपास स्थित बिंदाल पुल से मसूरी रोड मैक्स अस्पताल तक 560 कच्चे और 934 पक्के मकान जद में आ रहे हैं।
70 फीसदी से ज्यादा मकान हैं अवैध
रिस्पना और बिंदाल पर जो मकान रोड की जद में आ रहे हैं, उनमें बताया जा रहा है कि 70 फीसदी से ज्यादा मकान अवैध हैं, जो सरकारी भूमि पर बसे हैं। भवन स्वामियों के पास मालिकाना हक नहीं है। हालांकि, यह लोग लगातार परियोजना का विरोध कर रहे हैं, उनकी मांग है कि मकान ध्वस्तीकरण से पहले उनका पुनर्वास किया जाए या बाजार रेट पर मुआवजा दिया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के ईई जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि रिस्पना-बिंदाल परियोजना के लिए एसआईए सर्वे चल रहा है। इसके बाद भूमि अधिग्रहण शुरू होना है। राजस्व विभाग के साथ मकानों के चिह्नीकरण को लेकर संयुक्त सर्वे किया जाना है, इसके बाद अवैध मकानों को लेकर भी स्थिति साफ होगी।