देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में फर्जी कॉल सेंटर का धंधा खूब फल-फूल रहा है। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद लगातार इन कॉल सेंटरों की संख्या बढ़ती जा रही है। पुलिस ने देहरादून में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से इस गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि आईटी पार्क स्थित सायनोटिक बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर चल रहा है। कॉल सेंटर में अलग-अलग शिफ्टों में युवक युवतियां आती हैं। शिकायत के आधार पर थानाध्यक्ष राजपुर पीडी भट्ट ने पुलिस पार्टी के साथ दबिश दी तो वहां पर भारी संख्या में युवक-युवतियां काम करती दिखीं। आरोपी खुद को इंटरनेशनल एंटी हैकिंग डिपार्टमेंट का अधिकारी बताकर यूएसए और कनाडा के नागरिकों को अपने जाल में फंसाते थे।
इसके बाद आरोपी सिस्टम हैक होने की जानकारी देकर उसे ठीक करने लिए दूसरे व्यक्ति को पॉपअप मैसेज भेजते थे, ताकी उनके सिस्टमों का एक्सेस लिया जा सके, साथ ही यूएसए में बैठी दूसरी टीम द्वारा पॉप अप रन किया जाता था। लोगों से ऑनलाइन स्कैम कर कॉल सेंटर संचालकों को हवाला के माध्यम से पेमेंट भेजी जाती थी। जब उन्होंने बिल्डिंग में छापा मारा तो ,वहां पर ग्लोबल टेक एनर्जी सॉल्यूशन (अवैध कॉल सेंटर) चल रहा था, जहां बड़े-बड़े हॉल में लगभग लगभग 100 कैबिने थे। इन कैबिनों में अलग-अलग युवक-युवतियां सिस्टमों पर बैठे हुए थे, और कॉल रिसीव कर रहे थे।
पूछताछ के बाद पुलिस टीम ने मिहिर अश्विन निवासी हीराबाड़ी रोड अहमदाबाद गुजरात, ललित उर्फ रोड़ी निवासी सहजपुर अहमदाबाद, आमिर सोहेल निवासी जगतदल कानकीनारा कोलकाता, मनोज मीरपुरी निवासी सिद्धार्थ अपार्टमेंट एमटीएनएल शांति पार्क मीरा रोड पुणे, अंकित सिंह निवासी सिरला, पोस्ट सराय बिहार, कौशिक जाना निवासी चेक चौपत सीताला टोल अयोध्या, शिवम दूबे अहमदाबाद गुजरात और गोस्वामी हत भारती निवासी ए प्लाट विस्तार भावनगर गुजरात को गिरफ्तार किया है।
पुलिस की टीम ने मौके से 81 लैपटॉप, 42 मोबाइल फोन, 29 डेस्कटॉप, पांच वाई-फाई राउटर और अन्य उपकरण बरामद किए है। देहरादून पुलिस ने पहली बार जिले में संगठित अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 का मुकदमा दर्ज किया गया है।