देहरादून। उत्तराखंड का पांचवा धाम सैन्य धाम का मुख्यद्वार सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम से जाना जाएगा। कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए सीडीएस बिपिन रावत को क्या आम, क्या खास सब लोग उनको अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उत्तराखंड से उनका गहरा नाता था। इसलिए उनको सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए सैन्य धाम का मुख्यद्वार सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम से जाना जाएगा। इसी के साथ-साथ एक सैनिक कोचिंग इंस्टीट्यूट भी जनरल बिपिन रावत के नाम पर बनाया जाएगा।
जनरल बिपिन रावत के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे काबीना मंत्री गणेश जोशी ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत से उनके घरेलू संबंध थे। उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि जनरल रावत नहीं रहे। उन्होंने कहा कि मैंने अपना मित्र खो दिया। यह समूचे राज्य के लिए अत्यधिक भावुक और विचलित कर देने वाला पल है। जनरल बिपिन रावत को पूरा देश श्रद्धाजंलि दे रहा है। मैंने अपने एक अभिभावक और एक मित्र को खो दिया। और ये बोलते बोलते मंत्री गणेश जोशी भावुक हो गए। गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में बन रहे सैन्य धाम के मुख्यद्वार का नाम सीडीएस बिपिन रावत के नाम पर होगा। इसके अलावा एक सैनिक कोचिंग इंस्टीट्यूट जनरल बिपिन रावत के नाम पर खोला जाएगा, जिसमें सेना में जाने वाले युवाओं को मुफ्त कोचिंग दी जाएगी। इसके लिए वो जल्दी ही मुख्यमंत्री से मुलाक़ात करके प्रस्ताव रखने वाले हैं।
भर्ती के लिए पहाड़ों के युवाओं को लंबाई में दी छूट
गणेश जोशी ने बताया कि जब वो जनरल बिपिन रावत से पहाड़ के युवाओं को सेना में नौकरी के लिए लंबाई में छूट के लिए मिले, क्योंकि पहाड़ के युवाओं की लंबाई मैदानी इलाकों के युवाओं से थोड़ी कम होती है तो उन्होंने इसकी स्वीकृति दी और उत्तराखंड व पहाड़ी राज्यों के युवाओं को सेना में लंबाई में 5 सेंटीमीटर की छूट जनरल बिपिन रावत की वजह से ही संभव हो पाई।