देहरादून। राजधानी देहरादून में 6 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें दो महंत इंदिरेश अस्पताल में और चार एम्स ऋषिकेश में भर्ती हुए हैं। इस सीजन देहरादून के अस्पतालों में डेंगू के अब तक कुल 29 मामले आ चुके हैं।
21 अप्रैल को भी छह मरीजों डेंगू वायरस की पुष्टि हुई। इसमें एक मरीज देहरादून के पुराना डालनवाला क्षेत्र का रहने वाला है। जबकि, अन्य मरीज दूसरे प्रदेश के निवासी हैं। अब तक सामने आए डेंगू के मरीजों में से 14 अभी भी अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। सीएमओ डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए विभाग एकजुट होकर काम कर रहा है।
सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि जिले के सभी ब्लडबैंक और पैथोलॉजी लैब संचालकों के साथ बैठक की जाएगी। इस दौरान ब्लडबैंक में सभी समूहों के रक्त का पर्याप्त स्टॉक रखने और लैब में डेंगू की जांच के संबंध में वार्ता की जाएगी।
डेंगू की जांच दरें निजी लैब को सार्वजनिक करनी होंगी
सभी प्राइवेट पैथोलॉजी लैबों को अब डेंगू जांच की दरें बोर्ड पर डिस्पले करनी होंगी। लैबों की मनमानी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। डेंगू के मामले बढ़ने पर कई लैब मरीजों से मनमाने दाम वसूलते हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस बार जांच दरें सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि डेंगू से निपटने के लिए माइक्रो स्तर पर प्लान तैयार कर सभी विभागों को मिलकर काम करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने चार दिन पहले ही प्राइवेट लैबों के लिए डेंगू जांच की दरें तय की थीं। साथ ही अधिक दाम लेने वालों पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।
यह हैं दरें…
- एलाइजा टेस्ट
- एनएबीएल लैब 1100
- नॉन एनएबीएल लैब 1000
- रैपिड टेस्ट
- एनएस 1 500