- फीफा ने किया एआईएफएफ के निलंबन का ऐलान
- 11 से 30 अक्टूबर के बीच होना था टूर्नामेंट का भारत में आयोजन
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अंडर-17 विश्व कप के आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक टाल दी है चूंकि केंद्र ने कहा है कि भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप कराने को लेकर फीफा से बातचीत जारी है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर सुनवाई हुई।
दरअसल, मंगलवार को फीफा द्वारा एआईएफएफ को बैन करने पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की थी। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ को बताया था कि फीफा ने भारत को निलंबित करते हुए एक पत्र भेजा है जो पब्लिक डोमेन में है और इसे रिकॉर्ड में लाने की जरूरत है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की थी। पीठ ने कहा कि अंडर 17 बच्चों के लिये यह बड़ा टूर्नामेंट है और उसे इसी से सरोकार है कि टूर्नामेंट भारत में हो। भारत को 11 से 30 अक्टूबर के बीच फीफा प्रतियोगिता की मेजबानी करनी थी। यह पिछले 85 साल के इतिहास में पहला अवसर है जबकि फीफा ने एआईएफएफ पर प्रतिबंध लगाया। फीफा ने कहा था कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा। पीठ ने कहा कि कोई बाहरी इसमें दखल देगा तो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पीठ ने केंद्र से इस मसले पर सक्रिय भूमिका निभाने और एआईएफएफ का निलंबन हटाने में मदद के लिये कहा।
एआईएफएफ के चुनाव फीफा परिषद के सदस्य प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व में दिसंबर 2020 तक होने थे, लेकिन इसके संविधान में संशोधन पर गतिरोध के कारण इसमें देरी हुई। इसके बाद इसी महीने की शुरुआत में (तीन अगस्त) सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत चुनाव कराने का आदेश दिया था और कहा था कि निर्वाचित समिति (CoA) तीन महीने की अवधि के लिए एक अंतरिम निकाय होगी। सीओए ने चुनाव को अपने मुताबिक कराने का तय किया और इसमें कुछ पूर्व प्रमुख खिलाड़ियों से वोट कराने का फैसला लिया। इसे फीफा ने तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप माना।