इंसानियत शर्मसार
- यूरोपियन यूनियन के सांसदों को करोड़ों की रिश्वत देकर कतर ने छिपाई हकीकत
- यूरोपियन सांसदों पर छापेमारी में एक से 8 करोड़ और दूसरे से मिले 5 करोड़
ब्रुसेल्स। आजकल कतर में हो रहा फीफा वर्ल्ड कप शुरुआत से ही विवादों में घिरा रहा है। अब इसके खत्म होने के एक दिन कतर पहले यूरोपियन यूनियन के सांसदों को करोड़ों रुपए की रिश्वत देने के आरोप लगे हैं। यह रिश्वत वर्ल्ड कप से पहले हुए निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर मजदूरों की मौतों के मामले दबाने के लिए दी गई। इन मजदूरों में बड़ी संख्या भारतीयों की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निर्माण कार्यों के दौरान भारत के करीब 6500 मजदूर कतर में मारे गए हैं।
इस मामले से जुड़े तथ्यों की जांच के दौरान हाल ही में बेल्जियम पुलिस ने यूरोपियन पार्लियामेंट की एक मेंबर के ब्रुसेल्स स्थित घर और उनके पिता के होटल रूम पर छापा मारकर 8 करोड़ रुपए बरामद किए। इस सांसद पर आरोप है कि वर्ल्ड कप की तैयारियों में मजदूरों की मौत समेत कई विवादों को दबाने के लिए उन्होंने कतर से करोड़ों रुपए की घूस ली थी।
बेल्जियम पुलिस ने जब्त की गई रकम की फोटो भी सोशल मीडिया में पोस्ट की है। यूरोपियन यूनियन की सांसद के घर और पिता के होटल में छापेमारी के बाद बेल्जियम पुलिस ने जब्त की गई रकम की फोटो ट्विटर पर शेयर की है। जबकि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 2022 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कतर में पिछले 10 साल में 15021 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा 2711 मजदूर भारत के थे। हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि इनकी मौत वर्ल्ड कप से जुड़ा निर्माण कार्य करने के दौरान हुई थी। इसके बाद आई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि फीफा वर्ल्ड कप के लिए निर्माण कार्य में लगे भारत के 6500 से ज्यादा मजदूरों की मौत हुई।
बुधवार को हुई छापेमारी से पहले भी कतर से घूस लेने के मामले में यूरोपियन संसद के ग्रीस से सदस्य एवा काइली को बेल्जियम से शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें हिरासत में रखा जाएगा। वहीं इटली से ईयू के सांसद एंटोनियो पंजेरी पर भी इस स्कैंडल में शामिल होने के आरोप लगे हैं। उनके घर पर रेड मार कर पुलिस ने 5 करोड़ रुपए जब्त किए। उन पर आरोप है कि वो कतर की तरफ से स्पोंसर की गई एक 87 लाख रुपए की फैमिली ट्रिप पर गए थे। इससे पहले कतर पर आरोप लग चुके हैं कि उसने फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी घूस देकर खरीदी थी।
भ्रष्टाचार की जांच के लिए फेडरल पुलिस अब तक 20 जगह छापेमारी कर चुकी है। इस मामले में यूरोपियन यूनियन की संसद में भी छापा मारा जा चुका है। पहले ईयू की संसद में इन मजदूरों की मौत को बड़ा मुद्दा बनाया गया था। जिससे इंटरनेशनल लेवल पर कतर की किरकिरी हुई थी। कतर में प्रवासी मजदूरों के बुरे हालात और उससे जुड़े विवादों को दबाने के मामले में ईयू के सांसद काफी समय से शक के घेरे में हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कतर ने फीफा की मेजबानी के दौरान हो रही अपनी आलोचनाओं को दबाने के लिए कई यूरोपियन लॉ मेकर्स को घूस दी थी। इन्हें पैसों के अलावा वर्ल्ड कप के टिकट और फ्री में कतर घूमने का मौका दिया गया। कतर में कामगारों की मौत के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने फीफा के मुख्यालय के सामने विरोध जताया था।
पॉलिटिको के मुताबिक यूरोपियन यूनियन के सांसदों के अलावा ब्रिटेन के सांसदों पर भी रिश्वत लेने के आरोप हैं कि उन्होंने अक्टूबर 2021 के बाद से कई बार कतर सरकार से तोहफे लिए हैं। इस पर एमनेस्टी इंटरनेशनल के साचा देशमुख ने कहा कि किसी नेता को कतर से रुपए या फिर तोहफे लेने के बजाय वहां हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्यों को निभाने में घोर लापरवाही करते हुए इंसानियत को शर्मसार किया है।