हरिद्वार की पत्रकारिता और शिक्षा जगत को एक झटके में स्तब्ध कर देने वाली खबर आई है। प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष, सेवानिवृत्त प्रोफेसर और समाजसेवी पी एस चौहान का निधन न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति बन गया है। 87 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय पत्रकारिता का जज्बा रखने वाले इस युगपुरुष के चले जाने से हरिद्वार के हृदय पर एक गहरा घाव है।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि में कहा, प्रोफेसर चौहान जी का ज्ञान और नैतिकता का दीपक कभी नहीं बुझेगा। वे नई पीढ़ी के लिए आदर्शों की मशाल थे। यह नुकसान असंभव है भरना। उन्होंने माँ गंगा से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार को संबल देने की प्रार्थना की।अपने अंतिम समय तक पत्रकारिता के प्रति समर्पित रहे चौहान जी ने प्रेस क्लब के माध्यम से पत्रकारों के अधिकारों के लिए अनथक संघर्ष किया।
उनका मंत्र था — अनुशासन और सिद्धांतों से ही पत्रकारिता की गरिमा बचाई जा सकती है। शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने एसएमजेएन कॉलेज को प्राचार्य के रूप में नई पहचान दिलाई, जहाँ आज भी उनके योगदान को स्वर्णाक्षरों में याद किया जाता है।उनके जाने से जुड़ा दर्द सिर्फ परिवार तक सीमित नहीं। पत्रकारों की आवाज़ बुलंद करने वाला यह सेनानी हमेशा याद किया जाएगा। नई पीढ़ी के लिए उनका जीवन एक जीवंत पाठ्यपुस्तक है — जो सिखाती है कि उम्र और समय की सीमाएँ, जुनून के आगे बौनी हो जाती हैं।