रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। केदारसभा, तीर्थ पुरोहित समाज और हक-हकूकधारियों ने पुनर्निर्माण के नाम पर हो रही कथित मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि प्रशासन उनकी बात नहीं सुन रहा है और उनके हितों की अनदेखी कर रहा है।
केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि जून 2013 की आपदा के बाद से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं। इन कार्यों में केदारनाथ से जुड़े लोग प्रशासन का हरसंभव सहयोग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन पुनर्निर्माण के नाम पर मनमानी कर उनके हक-हकूकों व अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
उन्हाेंने बताया कि कुछ दिनों से केदारनाथ में तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों के आवासीय व व्यवसायिक भवनों के आगे गड्ढे किए जा रहे हैं, जो समझ से परे है। इन गड्ढों से उनके भवन को खतरा पैदा हो गया है। इस संबंध में अधिकारी-कर्मचारियों से पूछने पर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। कहा कि केदारघाटी के सैकड़ों परिवार यात्रा पर निर्भर हैं। केदारनाथ में उन्हें भूमिधरी का अधिकार मिला है, लेकिन वर्तमान में वह जमीन उनके कब्जे में नहीं है। प्रशासन द्वारा जब-तब उन्हें अकारण परेशान किया जा रहा है।
केदारसभा के महामंत्री डा. राजेंद्र प्रसाद तिवारी ने बताया मामले में केदारसभा ने भी बैठक कर आगामी रणनीति पर चर्चा की है। कहा कि शासन-प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में 10 मई को केदारनाथ में समस्त व्यापारी अपने होटल, लॉज, ढाबा, दुकान भवन और विश्राम गृह बंद रखेंगे। इधर, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने बताया कि कुछ तीर्थपुरोहित अपनी समस्या लेकर आए थे, मामले की जानकारी ली जा रही है।