देहरादून-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सर्वे चैक स्थित गढ़वाल कमिश्नर कैंप कार्यालय में साढ़े 10 बजे औचक निरीक्षण को पहुंचे। मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव के कैंप कार्यालय पहुंचने से हड़कंप मंच गया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में 11 कार्मिकों में से मौके पर केवल 4 कार्मिक ही उपस्थित मिले। उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन को निर्देश दिए कि जिन कार्मिकों के उपस्थिति पंजीका में हस्ताक्षर नहीं है, उनका तत्काल वेतन रोका जाए। मुख्यमंत्री ने करीब एक घंटे तक कमिश्नर कार्यालय की विभिन्न पत्रावलियों का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर नाराजगी जताई कि कई फाइलों को अग्रिम कार्यवाही के लिए कैंप कार्यालय की हर पत्रावली को पहले एंट्री के लिए गढ़वाल आयुक्त मुख्यालय पौड़ी भेजा जाता है। जिससे फाइलों के निपटारे में बहुत अधिक विलंब हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा यह व्यवस्था लापरवाही की श्रेणी में आती है। उन्होंने गढ़वाल आयुक्त को इस व्यवस्था में तत्काल सुधार लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि कर्मचारी समय पर आ रहे हैं या नहीं, फाइलों को निपटारा किस गति से हो रहा है, यह सब पता लगाने के लिए स्वयं कैंप कार्यालय मुख्य सचिव के साथ गया था। जो भी अधिकारी-कर्मचारी गैरहाजिर थे, उनकी अनुपस्थिति लगाई गई है, वेतन रोकने को भी कहा है। एक बड़ी खामी यह देखने में आई कि कैंप कार्यालय की सभी फाइलें रिसीव होने के लिए पहले पौड़ी भेजी जा रही हैं, मैंने मुख्य सचिव को कर्मचारी सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।