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कौन हैं भारतीय मूल की तुलसी गबार्ड जिसे डोनाल्ड ट्रंप ने दी अहम जिम्मेदारी, जानिए…

वॉशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया विभाग (डीएनआई) का निदेशक नियुक्त किया। डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को गर्वित रिपब्लिकन बताया और कहा कि अपनी निडर स्वभाव को वे खुफिया विभाग में भी लेकर आएंगी। तुलसी के अलावा डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के नाम का भी ऐलान कर दिया है। ट्रंप ने कहा, तुलसी ने सभी अमेरिकियों की स्वतंत्रता के लिए दो दशकों से अधिक समय तक संघरृश किया है। वह एक पूर्व डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भी रही हैं और अब वह एक रिपब्लिकन हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि तुलसी अपनी निर्भीक भावना से हमारे संवैधानिक अधिकारों का समर्थन करेंगी और शक्ति के माध्यम से शांति की रक्षा करेंगी।

कौन हैं तुलसी गबार्ड

तुलसी गबार्ड करीब दो दशकों तक अमेरिकी सेना की शाखा नेशनल गार्ड में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। तुलसी गबार्ड इराक और कुवैत में भी तैनात रह चुकी हैं। हालांकि उनके पास खुफिया विभाग में काम करने का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने होमलैंड सिक्योरिटी समिति में भी अपनी सेवाएं दी हैं। तुलसी गबार्ड हवाई से साल 2013 से लेकर 2021 तक सांसद रहीं। तुलसी गबार्ड पूर्व कांग्रेस सदस्य हैं और उन्हें अमेरिका की पहली हिंदू कांग्रेस वूमन के रूप में पहचाना जाता है।

डेमोक्रेट पार्टी से राष्ट्रपति पद की कर चुकी हैं दावेदारी

तुलसी गबार्ड का भारत से कोई नाता नहीं हैं, लेकिन उनकी मां ने हिंदू धर्म अपना लिया था, जिसके चलते उन्होंने अपने बच्चों के नाम भी हिंदू धर्म वाले रखे। तुलसी गबार्ड भी हिंदू धर्म को मानती हैं। जब उन्होंने संसद में शपथ ली थी तो भागवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। साल 2020 में तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी पेश की थी। हालांकि उन्हें पर्याप्त समर्थन न मिलने के बाद अपनी दावेदारी वापस लेनी पड़ी थी।

मार्को रुबियो होंगे विदेश मंत्री

डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका के नए विदेश मंत्री के नाम का भी ऐलान कर दिया है। ट्रंप ने फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो को अमेरिका का विदेश सचिव बनाया है। बता दें कि रुबियो की पहचान एक रूढ़िवादी नेता के तौर पर है। वह अक्सर चीन, क्यूबा और ईरान के खिलाफ सख्ती से अपनी राय रखते नजर आते हैं। रुबियो साल 2010 में पहली बार सीनेट के लिए चुने गए थे।आपको बता दें कि 2016 में रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की दौड़ के दौरान रुबियो ने जमकर ट्रंप की आलोचना की थी। ट्रंप भी उन्हें छोटा मार्को कहते थे। हालांकि, अब रुबियो ट्रंप के सबसे बड़े समर्थकों में से एक हैं।

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