देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की वर्ष 2017-18 में हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। ट्रेजरी के डबल लॉकर में रखी ओएमआर शीट में छेड़छाड़ कर 84 अंक कर दिए गए, जिससे वह महिला अभ्यर्थी परीक्षा में टॉपर रही थी। जबकि ओएमआर शीट की डुप्लीकेट कॉपी में उसके सिर्फ 24 अंक थे। हालांकि उस समय भी मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन उसे कहीं फाइलों के ढेर में दफन कर दिया गया।
इस मामले का खुलासा पुलिस की विवेचना रिपोर्ट में हुआ है। अब यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन को पत्र भेजकर इस मामले में कार्रवाई का आग्रह किया है।
दरअसल 2017-18 में आयोग ने स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित किया। जिसमें 84 अंक लेकर महिला अभ्यर्थी अंजू मेरिट में टॉपर आई थी। जबकि दूसरे स्थान पर रहे अभ्यर्थी के 78 अंक थे। दोनों के बीच छह अंकों का अंतर होने पर आयोग को संदेह हुआ। आमतौर पर टॉपर व दूसरे स्थान पर रहने वाले अभ्यर्थियों के बीच दो से तीन अंकों का ही अंतर होता है। आयोग ने महिला अभ्यर्थी के पूर्व में दी गई भर्ती परीक्षा का रिकॉर्ड देखा। जिसमें महिला अभ्यर्थी की परफॉरमेंस बेहद कमजोर थी।
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जांच में पता चला कि अभ्यर्थी की मूल ओएमआर शीट में छेड़छाड़ कर अंक बढ़ाए गए हैं। उस समय भी आयोग ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। महिला अभ्यर्थी ट्रेजरी में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में काम करती थी।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि डबल लॉकर सबसे ज्यादा सुरक्षित स्थान होता है, यदि वहां भी ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की गई तो यह मामला बेहद गंभीर है। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन को पत्र लिखकर कार्रवाई का आग्रह किया गया है। इस प्रकरण में ट्रेजरी को पूछा जाना चाहिए। लॉकर में रखे जिस ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की गई, वह महिला अभ्यर्थी की है। जो ट्रेजरी में ही काम करती है। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष का पत्र मिला है। इस संबंध में वित्त विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है।
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