देहरादून। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से आयोजित नीट और यूजीसी नेट परीक्षा के पेपरलीक होने के बाद पूरे प्रकरण की जांच CBI को सौंपी गई है। इससे पहले उत्तराखंड में पेपर लीक के कई मामले सामने आए थे। इसी के मद्देनजर सरकार ने सख्त कानून बनाए है। सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध के हाईटेक उपाय तलाशे जा रहे हैं।
UKSSSC ने शुरू किया ट्रायल…
वहीं अब भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरणों से उबरने के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने नकलचियों पर और सख्ती कर दी है। वह कानूनी दांव-पेच में आयोग की डिबार होने की कार्रवाई से अदालत में जाकर नहीं बच पाएंगे। इसके लिए आयोग ने नियमावली तैयार की है, जिसके तहत आयोग एक से पांच साल के लिए सीधे तौर पर प्रतिवारित (डिबार) करेगा।
दरअसल, आयोग ने आठ भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरणों में 249 अभ्यर्थियों को परीक्षाओं से पांच साल के लिए डिबार किया था। इनमें से करीब 65 अभ्यर्थी हाईकोर्ट से स्टे ले आए थे। आयोग ने डिबार की कार्रवाई पुलिस की जांच के आधार पर की थी, लेकिन पुलिस ने ज्यादातर अभ्यर्थियों को सरकारी गवाह बना लिया। इसके चलते यह अभ्यर्थी फिलहाल परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। लेकिन इन कानूनी दांव-पेच से अब आने वाले समय में अभ्यर्थी डिबार होने बच नहीं पाएंगे।
सीसीटीवी से रखी जाएगी परीक्षा पर निगरानी…
यूकेएसएसएससी ने इस नई व्यवस्था का ट्रायल रविवार को समूह ग के 200 से अधिक पदों के लिए ली जा रही लिखित परीक्षा में प्रारंभ किया किया है। आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि आयोग की आगे की लिखित परीक्षा में सुरक्षा मानकों को और कड़ा किया जा रहा है जिससे नकल और पैपरलीक जैसे मामलों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।
रविवार को परिवहन आरक्षी, आबकारी सिपाही, उप आबकारी निरीक्षक, गोविंद बल्लभ पंत कृषि विवि में हास्टल मैनेजर व महिला कल्याण विभाग में हाउसकीपर के पदों के लिए लिखित परीक्षा ली जा रही है। इस परीक्षा के लिए 100 से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन परीक्षा केंद्रों में से अति संवेदनशील और संवेदनशील दो परीक्षा केंद्रों पर अत्याधुनिक आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस तकनीकी से जैस सीसीटीवी से पूरी परीक्षा पर निगरानी रखी जाएगी।
आयोग अभ्यर्थियों को डिबार करेगा…
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि आयोग ने एक नियमावली तैयार करके शासन को भेजी है। इसके तहत पांच श्रेणियों में अभ्यर्थियों को दंडित किया जाएगा। इसमें परीक्षा कक्ष में मोबाइल या कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने, किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा में शामिल होने, ओएमआर शीट की अदला-बदली करके नकल करने, परीक्षा में ओएमआर की डुप्लीकेट कॉपी भी अपने साथ ले जाने और अन्य किसी तरह से नकल करने की श्रेणी शामिल है।
उन्होंने बताया कि इसमें श्रेणीवार आयोग ने एक से पांच साल तक डिबार करने का नियम बनाया है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद आयोग आने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं में इस नियमावली का लागू कर देगा। इसके लागू होने के बाद बेहद बारीकी से आयोग अभ्यर्थियों को डिबार करेगा।