देहरादून। उत्तराखंड का शहीदों के घर की माटी और प्रदेश की पवित्र नदियों के जल से पांचवां धाम सैन्य धाम तैयार किया गया। इसी सैन्य धाम में सोमवार को अमर ज्योति स्थापित की जाएगी। सैन्य धाम स्थल पर सीडीएस अनिल चौहान पहुंच गए हैं उन्होंने सैन्य धाम के अमर जवान ज्योति की आधारशिला रखी। इस दौरान राज्यपाल ले जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व वीर नारियां भी मौजूद रहीं।
उत्तराखंड के पंचम धाम सैन्य धाम में बलिदानियों के आंगन की पवित्र माटी को अमर जवान ज्योति के निर्माण में प्रतिस्थापन किया गया। 1734 बलिदानियों के आंगन की पवित्र मिट्टी के साथ-साथ प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों से एकत्रित पवित्र जल भी अमर जवान ज्योति के मुख्य स्तंभ की आधारशिला में अर्पित किया गया।
वहीं राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि आज गुरु पूर्णिमा है। दिव्य, भव्य और शुद्ध विचार हो तो ईश्वर भी साथ देता है। सैन्यधाम के लिए 1734 शहीदों के घर की मिट्टी लाई गई। साथ ही प्रदेश की 28 नदियों का पावन जल लाया गया। ऐसा आत्मिक संगम कभी नहीं हुआ। उन्होंने प्रथम सीडीएस बिपिन रावत को याद किया। कहा कि सीडीएस अनिल चौहान के साथ जम्मू कश्मीर में काम किया। सैन्यधाम न केवल यात्रा के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा। उत्तराखंड पूरे राष्ट्र के लिए उदाहरण है कि किस तरह बलिदानियों और सैनिकों का सम्मान किया जाए।
उन्होंने कहा पूर्व सैनिकों की हर समस्या मेरी समस्या है। उनके लिए राजभवन के दरवाजे हमेशा खुले हैं। पूर्व सैनिकों के लिए हमने एक ग्रिवियंस सेल का गठन किया। 900 से अधिक शिकायतें मिली, जिनमें तकरीबन 500 समस्याओं का हम निस्तारण कर चुके हैं। आज का कार्य बलिदानियों के प्रति आदर और सम्मान का प्रतीक है।
सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि आज मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है कि अमर जवान ज्योति की स्थापना में शामिल हुआ। कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र निर्माण में हर व्यक्ति का योगदान जरूरी है। यूं तो देश में कई युद्ध स्मारक हैं, पर पहली बार आध्यात्मिक रूप से किसी स्थल का निर्माण किया जा रहा है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि देश की सुरक्षा में तैनात हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है। देश को जब–जब जरूरत पड़ी उत्तराखंड के वीरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। कहा कि बलिदानी की कोई जाति या धर्म नहीं होता। बलिदानियों का सम्मान उनकी यादों को संजोए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर सैनिक के प्रति अपनत्व और आत्मीयता का भाव रखते हैं। वह हर सैनिक की चिंता करते हैं।उन्हीं की परिकल्पना से आज सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है।