देहरादून। आज गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य सरकार से विद्युत दरों में प्रस्तावित वृद्धि के निर्णय को शीघ्र वापस लिये जाने की मांग की।
प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने बताया, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में माहरा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिजली की दरों में बढ़ोतरी के साथ-साथ सीवरेज एवं पेयजल की दरों में वृद्धि की तैयारी की जा रही है। जिसका असर पहले से महंगाई की मार झेल रही आम जनता पर पड़ेगा। प्रचंड बहुमत देने के बदले भाजपा सरकार ने पेयजल, बिजली एवं सीवरेज की दरों में भारी वृद्धि कर उत्तराखंड की जनता को समय-समय पर महंगाई का तोहफा दिया है।
माहरा ने कहा कि केंद्र सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों के कारण आम आदमी पहले से ही महंगाई की मार से त्रस्त है। पिछले छह साल के अंतराल में आम जरूरत की चीजों के दामों में कई गुना वृद्धि पर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा नियंत्रण नहीं किया जा रहा है। रसोई गैस, पेट्रोलियम तथा खाद्य पदार्थों के बाद अब राज्य सरकार द्वारा बिजली एवं पेयजल की दरों में भारी वृद्धि कर जनता को मंहगाई के बोझ से लादने का काम किया जा रहा है। खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण आम आदमी को पहले ही दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादक राज्य होने के बावजूद उत्तराखंड में बिजली की दरों में प्रस्तावित वृद्धि का राज्य सरकार का निर्णय आम जनता के हित में नहीं है। बिजली, पानी की दरों में वृद्धि से पहले से ही महंगाई की मार से पीड़ित जनता के ऊपर यह एक और बोझ आम आदमी के जीने की राह में कठिनाई पैदा करेगा। माहरा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि व्यापक जनहित को देखते हुए राज्य में बिजली एवं पेयजल की बढ़ी हुई दरों पर पुनर्विचार कर पाॅवर कारपोरेशन द्वारा दिये गये विद्युत दरों के प्रस्तावित वृद्धि के निर्णय को वापस लिया जाना चाहिए।
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