हरिद्वार। गंगा दशहरा पर्व पर धर्मनगरी हरिद्वार में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गंगा घाटों पर उमड़ पड़ी। आज सुबह 10 बजे तक 16 लाख 30 हजार श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी पर्व स्नान पर हरिद्वार में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावनाएं को देखेते हुए पुलिस-प्रशासन ने तैयारियां चाक चौबंद की। घाटों पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है। कोरोना काल के बाद यह पहला मौका है, जब कोई पाबंदी नहीं है, ऐसे में दूर दूर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंच रहे है।

मान्यता है कि राजा सगर के पुत्रों के उद्धार करने के लिए राजा भागीरथ हजारों साल तपस्या करके गंगा को स्वर्ग लोक से धरती पर लाए थे। भागीरथ के प्रयास से गंगा शिव की जटाओं से होती हुई जब धरती पर आई तो आज के दिन ही वह ब्रह्मकुंड़ पर पहुंची थी और भगीरथ के पुरखों का उद्धार किय था। इसलिए माना जाता है कि गंगा जब धरती पर अवतरित हुई तब दस तरह के ग्रहयोग मौजूद थे। इसलिए हरकी पैड़ी पर आज के दिन ब्रह्मकुंड में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

गंगा दशहरा स्नान को लेकर धर्मनगरी के होटलों में बुकिंग लगभग फुल हो गई है। इस बार गंगा दशहरा में 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसी हिसाब से प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू की हैं। आज नौ जून को गंगा दशहरा का स्नान चल रहा है। 11 जून को निर्जला एकादशी का स्नान होना है। चारधाम यात्रा भी जोर-शोर से चल रही है।
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