देहरादून। उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में स्थित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) बटालियन अक्टूबर 2024 तक मटन, चिकन और मछली की आपूर्ति के लिए बड़े शहरों पर निर्भर थीं।हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार, उत्तराखंड पशुपालन विभाग ने अब आईटीबीपी के माध्यम से स्थानीय पशुपालकों के साथ सीधा अनुबंध किया है। इसके बाद, पहले पांच महीनों में चार सीमावर्ती जिलों के 253 किसानों ने आईटीबीपी के साथ 2.6 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। आने वाले समय में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस की पूरी डिमांड आने के साथ ही यह कारोबार बढ़कर 30 करोड़ रुपए सालाना होगा।
सेना को भी नॉनवेज सप्लाई का है प्लान:- लेकिन अब बात केवल 30 करोड़ रुपए के सालाना कारोबार की नहीं है, बल्कि उत्तराखंड सरकार ने इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए सीमांत क्षेत्र के किसानों को और भी अधिक मौका देने के लिए भारतीय सेना को भी राज्य से जोड़ने का प्रयास किया है। बड़ी बात यह है कि उत्तराखंड सरकार और भारतीय सेना के बीच भी इसी तरह के अनुबंध को लेकर बातचीत अंतिम दौर में चल रही है।
कमाई हो जाएगी दोगुनी:- अब तक भारत तिब्बत सीमा पुलिस की 10 बटालियन के लिए उत्तराखंड के किसान भेड़, बकरी, मुर्गी और ट्राउट फिश की सप्लाई कर रहे हैं, जिसमें सालाना 30 करोड़ का कारोबार होने जा रहा है। अब भविष्य में भारतीय सेना से अनुबंध होने के बाद सेना की 10 बटालियन के लिए भी उत्तराखंड के किसान इसी तरह चिकन मटन और मछली की सप्लाई कर पाएंगे। यानी अब तक जिस कारोबार को बेहद बड़ा माना जा रहा है, वह कारोबार आने वाले दिनों में उत्तराखंड सरकार के प्रयासों से दो गुना हो जाएगा।
पशु पालकों के लिए गेम चेंजर होगी योजना:- उत्तराखंड के सचिव पशु पालन विभाग ने बताया कि राज्य के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले किसानों और पशु पालकों के लिए कैसे ये योजना गेम चेंजर साबित होगी।
उत्तराखंड सरकार का ये भी है प्लान:- उत्तराखंड सरकार राज्य के पशुपालकों और किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए कुछ दूसरे प्रयास भी कर रही है। इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को बड़े होटल से भी इसी तरह स्थानीय उत्पादों के सीधे डिलीवरी को लेकर बातचीत करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में कहा है कि जो प्रयास किए गए हैं, उसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इससे किसानों की आय बढ़ रही है और जिसके कारण पलायन रोकने में ये कदम कारगर साबित होगा।
ये रहे आंकड़े:- आंकड़ों के रूप में देखें तो अब तक भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस को मटन चिकन और मछली की आपूर्ति की जा रही है। इसके तहत 42,748 किलो जिंदा भेड़ बकरी, 29,407 किलो चिकन और 7,374 किलो ट्राउट फिश की आपूर्ति की जा चुकी है। हालांकि अभी यह आपूर्ति शुरुआती ट्रायल के रूप में हुई है। आने वाले समय में सालाना 800 से लेकर 900 टन मटन-चिकन और मछली की सप्लाई होने की उम्मीद है। इसमें करीब 30 करोड़ का कारोबार ये किसान कर पाएंगे।