देहरादून। कड़े प्रशिक्षण के बाद भारतीय सैन्य अकादमी में 11 दिसंबर को सैन्य अफसर बनने जा रहे जेंटलमैन कैडेट को उनकी काबिलियत का ईनाम बुधवार को मिला। आईएमए में छेत्रपाल ऑडिटोरियम में हुई अवार्ड सेरेमनी में कैडेट्स को व्यक्तिगत उत्कृष्टता, रोलिंग ट्रॉफीज और बैनर्स से नवाजा गया। अवार्ड सेरेमनी में विदेशी कैडेटों को व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया। भारतीय कैडेटों की तर्ज पर ही उन्हें भी प्रशिक्षण में अपनी काबिलियत का ईनाम मिला।
बता दें कि भारतीय सैन्य अकादमी में 11 दिसंबर को आयोजित पासिंग आउट परेड में देश-विदेश के 387 जेंटलमैन कैडेट मिलने जा रहे हैं। जिसमें 319 जेंटलमैन कैडेट बतौर अफसर भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन जाएंगे। जबकि मित्र देशों की सेना के लिए भी 68 सैन्य अफसर मिलेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड की सलामी लेंगे। साथ ही उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम गणमान्यों व सेना के उच्चाधिकारी मौजूद रहेंगे।
इस दौरान अकादमी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने पुरस्कार पाने वाले कैडेट्स को बधाई दी। कमांडेंट ने भावी अफसरों को देश की आन, बान और शान की रक्षा का मूलमंत्र दिया। कमांडेंट ने कहा कि देश प्रत्येक युवा अधिकारी से तत्परता, दृढ़ता और वफादारी की उम्मीद रखता है। उन्होंने कहा कि एक अधिकारी के लिए यह जरूरी है कि वह निष्पक्षता और खेल भावना के साथ प्रतिस्पर्धात्मक प्रवृत्ति बनाए रखे। कमांडेंट ने कहा कि एक टीम के रूप में जीतने और उत्कृष्टता हासिल करने की प्रबल इच्छा हमेशा व्यक्ति में होनी चाहिए। युद्ध हमेशा एक सामूहिक प्रयास और टीम भावना से होती है और युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता।