देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से आज शनिवार को 288 युवा अफसर देश की सेना की मुख्यधारा में जुड़ गए है। साथ ही अलग-अलग आठ मित्र देशों के 89 कैडेट्स भी अकादमी से पास आउट हुए। इस बार की आईएमए के पासिंग आउट परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर (साउथ वेस्टर्न कमांड एंड) ने परेड की सलामी ली। उन्होंने सभी पास आउट अधिकारियों को राष्ट्र सेवा और भारत माता के शौर्य को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हुए भविष्य की शुभकामनाएं दी।
अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड सुबह छह बजे से शुरू हुई थी। इस दौरान प्रत्येक देशवासी को गर्व और शौर्य की अनुभूति कराने वाले अनुशासित जेंटलमैन कैडेट की पासिंग आउट परेड ने सबका मन मोह लिया।
शनिवार को आईएमए से पास आउट होकर भारतीय सेना को 288 नए जांबाज सैन्य ऑफिसर मिले, जबकि आठ मित्र देशों अफगानिस्तान, भूटान, किर्गिस्तान, मालद्वीव, नेपाल, श्रीलंका, तजाकिस्तान व तंजानिया को 89 सैन्य अधिकारी मिले। इस उपलब्धि के साथ ही सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 64 हजार 145 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया। इनमें मित्र देशों को मिले 2813 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
इस बार भी आईएमए से देशभर के पास आउट होने वाले नए सैन्य अधिकारियों में उत्तराखंड का दूसरा स्थान है। उत्तराखंड के आईएमए से 33 कैडेट्स पास आउट होकर ऑफिसर बने। जबकि पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश है जहां से 50 सैन्य अधिकारी बने। वर्ष 2022 की इस ऐतिहासिक POP परेड संपन्न होते ही अपने 90 साल के गौरवशाली इतिहास में आईएमए अब तक 63 हज़ार 768 युवा सैन्य अफसर तैयार करने का रिकॉर्ड दर्ज कर चुका है।
आईएमए में इस बार अफगानिस्तान के कैडे्टस का अंतिम बैच है। 43 कैडेट्स पास आउट हुए, लेकिन इनका भविष्य अधर में नजर आ रहा है। कारण है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अफगान राष्ट्रीय सेना का अस्तित्व समाप्त हो गया है। पिछले साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया था। पिछले साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया था। पिछले साल जब तालिबानी कब्जे के दौरान अफगानिस्तान के 83 जेंटलमैन कैडेट्स आईएमए में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। इनमें से 40 कैडेट्स दिसंबर 2021 में हुई पासिंग आउट परेड के दौरान पास आउट हुए थे। शेष 43 कैडेट्स आज शनिवार को पास आउट हो गए हैं। अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता आने के बाद कोई भी अफगान कैडेट्स सैन्य प्रशिक्षण के लिए आईएमए नहीं आया।इस लिहाज से मौजूदा परिप्रेक्ष्य में आईएमए से पास आउट होने वाला अफगान कैडेट्स का यह अंतिम बैच है। वहीं सुरक्षा कारणों से इस बार पीपिंग सेरेमनी सहित अन्य कार्यक्रमों में मीडिया की कवरेज पर प्रतिबंध था।