देहरादून। उत्तराखंड में पुलिस विभाग के मुखिया की ताजपोशी को लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। माना जा रहा है कि 15 अक्टूबर के आसपास ही नए डीजीपी के नाम का ऐलान होगा।
वर्तमान में कार्यकारी डीजीपी के रूप में 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। जो कि पिछले साल 30 नवंबर को प्रदेश के 12वें डीजीपी (कार्यकारी) के रूप में नियुक्त किए गए थे। लेकिन कार्यकारी डीजीपी का कार्यकाल बढ़ने पर सस्पेंस खड़ा हो गया है। जिसमें उन्हें नियमित डीजीपी बनाने को लेकर फिलहाल ब्रेक लगने की चर्चा है।
बताया जा रहा है कि केंद्र ने स्क्रूटनी के बाद तीन नाम राज्य सरकार को भेजे हैं जो कि उत्तराखंड कैडर के हैं। इस लिस्ट में दीपम सेठ (1995 बैच), डॉ पीवीके प्रसाद (1995 बैच) और अमित कुमार सिन्हा (1997 बैच) का नाम शामिल है। माना जा रहा है कि स्क्रूटनी के बाद जो नाम सामने आए हैं उनमें दीपम सेठ (1995 बैच) का नाम डीजीपी की रेस में सबसे आगे है। इस बात को लेकर चर्चाओं के बाजार गर्म हैं कि दीपम सेठ को उत्तराखंड पुलिस का नया मुखिया बनाया जा सकता है।
दीपम सेठ पांच साल की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पूरी कर चुके हैं। फिलहाल उनका कार्यकाल बढ़ना है या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है। जहां तक मौजूदा डीजीपी के नाम की बात है तो उनके नाम की चर्चाएं हैं। हालांकि, वास्तविकता क्या है और किसके सिर 13वें डीजीपी का सेहरा सजता है, यह सामने आने में अभी 10 दिन का समय लग सकता है।
बता दें कि डीजीपी पद के लिए आईपीएस अधिकारियों की सेवा 30 वर्ष होनी अनिवार्य थी, लेकिन संघ लोक सेवा आयोग ने इसमें बदलाव कर आईपीएस अधिकारी के रूप में 25 वर्ष की सेवा देने वाले अधिकारियों को डीजीपी पद के लिए पात्र माना है। देश के पांच राज्यों के लिए शिथिलता बरती गई थी। जहां डीजी रैंक के अधिकारी नहीं हैं वहां 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके एडीजी रैंक के अधिकारी को कार्यकारी डीजीपी बनाया जा सकता है। इसी व्यवस्था के तहत अभिनव कुमार उत्तराखंड के कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए। इस बीच देश के कई राज्यों को सुप्रीम कोर्ट से इस व्यवस्था को लेकर फटकार भी पड़ी। इसके बाद से ही स्थायी मुखिया की तलाश चल रही है।