देहरादून। आयोग ने छह मार्च 2016 को वीपीडीओ के 196 पदों पर भर्ती की परीक्षा कराई थी। इसका परिणाम उसी साल 26 मार्च को जारी किया था। इस भर्ती में आरोप लगे थे कि ओएमआर शीट को दो सप्ताह तक किसी गुप्त स्थान पर रखकर छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद रिजल्ट जारी किया गया। वही ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) की भर्ती की जांच विजिलेंस ने स्टेटस रिपोर्ट के साथ गृह विभाग को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, इसमें भी ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की पुष्टि हुई है। अब गृह विभाग एक दो दिन में जांच एसटीएफ को सौंप सकता है।
वीपीडीओ भर्ती में नकल का मामला सामने आने पर सरकार ने तत्कालीन एसीएस डॉ.रणवीर सिंह से इसकी शुरुआती विभागीय जांच कराई थी।
इसमें ओएमआर शीट में छेड़छाड़ का संदेह व्यक्त किया गया था। इसके बाद मामला विजिलेंस को सौंपा गया। केस दर्ज करते हुए विजिलेंस ने जांच करीब-करीब पूरी कर ली थी पर गत सप्ताह सरकार ने उक्त जांच भी एसटीएफ के हवाले करने के आदेश जारी कर दिए। इस पर विजिलेंस ने जांच रोकते हुए, अब तक की स्टेटस रिपोर्ट सतर्कता विभाग को सौंप दी।
विजिलेंस की स्टेटस रिपोर्ट में ये बात साफ तौर पर आई है कि भर्ती में ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करते हुए,चहेतों के नंबर मनमाने तरीके से बढ़ाए गए। यह बात फॉरेंसिक जांच में भी सामने आई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ओएमआर की स्कैनिंग आयोग के अधिकारी के घर की जा रही थी।
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