- ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरकारी गोदाम से गेहूं, चावल के हजारों बोरे हुए थे गायब
देहरादून। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरकारी गोदाम से करोड़ों रुपये के खाद्यान्न गबन के मामले में शासन ने जांच के बाद विभाग के चार अधिकारियों से एक करोड़ 44 लाख से अधिक की वसूली के आदेश दिए हैं। मामला वर्ष 2018 का है। जांच में गोदाम से गेहूं के 8484 एवं चावल के 2408 बोरे गायब मिले थे।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2018 में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरकारी खाद्यान्न गोदाम से भंडारित खाद्यान्न स्टॉक से कम मिला था। प्रकरण में उपनल के माध्यम से रखे कर्मचारियों की जहां सेवाएं समाप्त कर दी गई थी, वहीं विभाग के संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। शुरुआत में मामले की आरएफसी कुमाऊं से जांच कराई गई। जिसका आरोपी अधिकारियों की ओर से यह कहते हुए विरोध किया गया कि विभाग के बजाय किसी अन्य से प्रकरण की जांच कराई जाए। इस पर शासन की ओर से डीएम देहरादून से मामले की जांच कराई गई। जांच में गड़बड़ी पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सचिव सचिन कुर्वे ने आरोपी अधिकारियों से वसूली के आदेश किए हैं।
आदेश में कहा गया है कि खाद्यान्न तय स्टॉक से कम पाया गया है। इस पर विपणन निरीक्षक अमित कुमार सिंह से 28 लाख 90 हजार से अधिक, विपणन निरीक्षक इशरत अजीम से 28 लाख 90 हजार से अधिक एवं विपणन सहायक से 14 लाख 45 हजार से अधिक की वसूली की जाएगी। गोदाम के वरिष्ठ विपणन अधिकारी रहे कैलाश चंद्र पांडे से भी 72 लाख की वसूली का आदेश दिया गया हैं।
शासन ने आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को दिए आदेश में कहा है कि मामले में धनराशि की वसूली करते हुए की गई कार्रवाई से शासन को अवगत कराया जाए। वरिष्ठ विपणन अधिकारी कैलाश चंद्र पांडे से 50 फीसद, विपणन निरीक्षक अमित कुमार सिंह से 20 फीसद, विपणन अधिकारी इशरत अजीम से 20 फीसद एवं विपणन सहायक दिनेश लाल से 10 फीसद धनराशि की वसूली होगी। गौरतलब है कि गोदाम के नए प्रभारी को एक नवंबर 2018 तक जांच सौंपने की तैयारी थी। इसे लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थी, लेकिन चार्ज लेने से पहले नए प्रभारी ने गोदाम में रखे खाद्यान्न कोटे की गिनती कराई। इसमें स्टॉक रजिस्टर में अंकित खाद्यान्न कोटे व वास्तविक स्टॉक में अंतर पाया गया।
हालांकि खाद्यान्न घपले में आरोपी रहे विपणन निरीक्षक लियाकत हुसैन को प्रकरण की जांच के बाद शासन ने राहत दी है। लियाकत के बारे में बताया गया है कि खाद्यान्न घपले के दौरान वह किसी दूसरी जगह संबद्ध थे। जांच में बात सही पाए जाने पर अब उनसे 20 लाख 23 हजार से अधिक की वसूली नहीं होगी।
इस मामले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा। प्रकरण में आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।