देहरादून। उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा विभाग ने पर्यटक स्थलों और पार्कों की स्कूल यात्राओं के दौरान बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक सख्त और प्रभावी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह पहल बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए की गई है, जिसमें हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा गया है। अब स्कूल यात्राओं में बच्चों के स्वास्थ्य, परिवहन और निगरानी से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। यह कदम उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पत्र के संदर्भ में उठाया गया है।
महानिदेशक कमठान ने कहा, विद्यालय यह सुनिश्चित करें कि शैक्षिक यात्रा के दौरान हर बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री समेत पूरी जानकारी हो। फर्स्ट एड बॉक्स साथ हो, बच्चों के साथ जाने वाला शिक्षक या प्रतिनिधि प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर में प्रशिक्षित हो। वहीं, अभिभावकों से लिखित सहमति लेना और उन्हें यात्रा के दौरान उठाए जाने वाले सभी सुरक्षा उपायों की जानकारी देना अनिवार्य है।
यात्रा के दौरान सभी बच्चे, परिजनों से संपर्क बनाए रखें, इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की जाए। यात्रा में प्रयोग में लाए जा रहे वाहन आरटीओ से पास हैं या नहीं, इसकी जांच की जाए। बताया कि शैक्षिक यात्रा के दौरान बच्चों की सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग का विभाग को पत्र मिला है। जिसके बाद ये निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा गया है कि शैक्षिक यात्रा में शामिल छात्राओं के साथ महिला शिक्षिका का होना अनिवार्य है। वहीं, चालक व परिचालक पर नजर रहे, यह भी देखा जाए कि उन्होंने नशीले पदार्थों का सेवन तो नहीं किया। उनके पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड एवं दूरभाष नंबर रखा जाए। बच्चों की सुरक्षा के लिए शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को कहा गया है कि संबंधित विद्यालयों को इसके लिए निर्देशित करें।