देहरादून। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट ने भी पाकिस्तान के खिलाफ शक्तिशाली जवाबी कार्रवाई की। ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के भारतीय सेना के साहसिक कदम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने फैसला किया है, कि राज्य के सभी मान्यता प्राप्त मदरसों के पाठ्यक्रम में अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल किया जाएगा।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी।उन्होंने रक्षा मंत्री को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए बधाई दी। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष कासमी ने बताया कि उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है। ऑपरेशन सिंदूर में हमारे सशस्त्र बलों ने बेजोड़ शौर्य का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने सेना के शौर्य को सराहा है।
कासमी ने आगे कहा कि मदरसों के बच्चों को भी सैनिकों की बहादुरी के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने बताया कि नए पाठ्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का चैप्टर शामिल किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही पाठ्यक्रम समिति की बैठक बुलाई जाएगी। इससे बच्चों को देश के सैनिकों के बलिदान और शौर्य के बारे में पता चलेगा। बोर्ड चाहता है कि बच्चे देश के इतिहास और सेना के पराक्रम से परिचित हों।
उत्तराखंड में कितने मदरसे हैं
रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 451 मदरसे मदरसा शिक्षा परिषद (मदरसा बोर्ड) से पंजीकृत हैं, लेकिन करीब 500 मदरसे बिना पंजीकरण के चल रहे हैं।