- हरिद्वार में डंपर चालक और फॉरेस्टर की बहस का वीडियो वायरल, रिश्वत मांगने का आरोप
हरिद्वार। गंगा के साथ ही यहां सूखी नदियों से भी रेत और बजरी का जमकर खनन होता रहा है। अधिकतर खनन का काम नंबर दो में ही होता है। जो संबंधित विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं है। आजकल इसी तरह का एक वीडियो हरिद्वार में सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
यह वायरल वीडियो बहादराबाद थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। इसमें फॉरेस्टर ओपी सिंह एक खनन सामग्री से भरे छोटे डंपर को रोक कर खड़े हैं। डंपर चालक पहले तो गाड़ी में बैठकर ही फॉरेस्टर के साथ बदसलूकी करता है। फिर डंपर से उतर कर फॉरेस्टर से जमकर बहस करता है। वायरल वीडियो में डंपर चालक फॉरेस्टर से कहता है कि उसने हर महीने देने वाले पैसे के बाद ही काम किया है। चाहे तो फॉरेस्टर अपने रेंजर से इस बारे में पूछ सकता है कि उसे 5000 महीना दिया जा रहा है या नहीं।
वाहन चालक का आरोप है कि फॉरेस्टर बिना नंबर प्लेट की गाड़ी से घूम कर इसी तरह लोगों से पैसे की उगाही करता है। इस बवाल के बाद फॉरेस्टर द्वारा वाहन को फिलहाल सीज कर दिया गया है। यह वायरल वीडियो 30 नवंबर का बताया जा रहा है। इस वायरल वीडियो के बाद वन प्रभाग हरिद्वार में हड़कंप मचा हुआ है।
खनन सामग्री सप्लाई करने का काम करने वाले इलियास नाम के ड्राइवर का कहना है कि जंगलात के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें बहुत परेशान कर रखा है। खनन सामग्री लाने के लिए वह न केवल उसका बिल कटवाते हैं, बल्कि पूरी रॉयल्टी और टैक्स का भी भुगतान करते हैं। बावजूद इसके वन प्रभाग के कर्मचारी उनसे अवैध वसूली करते हैं। लगातार बंधा महीना देने के बाद भी उन्हें परेशान किया जाता है। एक गाड़ी से ये लोग 5000 हर महीने लेते हैं। इलाके में ऐसे 50 से अधिक वाहन लगातार चल रहे हैं. ये गाड़ियां नंबर 1 में रेत आदि लेकर आती हैं। यदि इनको पैसा नहीं दिया जाता तो यह वाहन को कोई भी धारा लगाकर बंद कर देते हैं। तब तक वाहन को नहीं छोड़ते जब तक इनकी जेब गर्म न की जाए। रेंजर को महीने का पैसा दिया जा चुका है, लेकिन दोबारा पैसे मांगने पर न दिए तो अब मेरा वाहन पिछले 1 हफ्ते से सीज किया हुआ है। उधर इस मामले में बहादराबाद क्षेत्र के फॉरेस्टर का कहना है कि 30 नवंबर को रोशनाबाद क्षेत्र से रेत लेकर आ रहे एक चालक को रोका गया था। जब कागज चेक किए गए तो उसके पास इस संबंध में कोई कागज ही नहीं थे। अब चालक पैसे लेने के झूठे आरोप लगा रहा है। अब हमने उसका वाहन सीज कर दिया है। अब सवाल यह है कि मामले को करीब नौ बीत जाने के बावजूद विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस वीडियो के बारे में मौन साध रखा है।