हरिद्वार। उत्तराखंड की मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर मतदान हो रहा है, लेकिन मंगलौर में उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा के बाद उत्तराखंड की सियासत गरमा गई है।
पुलिस ने काज़ी निजामुदीन, हाजी फुरकान, सुमित ह्रदयेश, प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य इमरान मसूद को लिबरहेड़ी गांव जाने से रोक दिया है। जिसके बाद सभी ने गिरफ्तारी देने की बात कही है। कांग्रेस नेताओं और पुलिस की बहस के बाद एसपी देहात खुद मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। काफ़ी देर हंगामे के बाद मंगलौर कोतवाली तमाम कांग्रेस के दिग्गज पहुंचे। जहां सभी कांग्रेस दिग्गज अपनी गिरफ्तारी देने पर अड़े हुए हैं। पुलिस के आला अधिकारी नेताओं को समझाने मे जुटे हुए हैं लेकिन वो मानने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के सैकड़ों समर्थक भी मंगलौर कोतवाली पहुंचे हैं।
तो वहीं मंगलौर के लिब्बरहेड़ी गांव में हिंसक झड़प मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत का बड़ा बयान सामाने आया है। जिसमें हरीश रावत ने हिंसा के लिए पुलिस प्रशासन और बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन प्रशासन की मिलीभगत से यह घटना हुई। वोट डालने आ रहे लोगों को चिह्नित कर डर का माहौल बनाया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि दोनों विधानसभाओं में पहले दिन से ही कांग्रेस मजबूत है, जिससे बीजेपी में बौखलाहट है।
दरअसल, हरिद्वार जिले के मंगलौर विधानसभा के लिब्बरहेड़ी गांव में वोट डालने को लेकर दो दल आपस में भिड़ गए। इस दौरान जमकर लाठी और डंडे भी चले। जिसमें कई लोग घायल हो गए। खुद कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इस घटना के बाद सूबे में सियासत गरमा गई है।