नई दिल्ली। दुनिया के कई देश इन दिनों खतरनाक मंकीपॉक्स संक्रमण की चपेट में हैं। कई अफ्रीकी देशों में बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। अब इस रोग के मामले एशियाई देशों में भी देखे जा रहे हैं। मध्य और पूर्वी अफ्रीका से शुरू हुआ यह संक्रमण अब भारत के करीब तक पहुंच गया है। पाकिस्तान में मंकी पॉक्स के तीन मामले पाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक पहला मामला सऊदी अरब से वापस आए एक शख्स में पाया गया है। 34 साल का शख्स 3 अगस्त को सऊदी अरब से पाकिस्तान लौटा था। खैबर मेडिकल यूनिवर्सिटी में उसकी जांच करवाई गई थी। 13 अगस्त को रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया अलर्ट:- अफ्रीका सहित कई देशों में बढ़ते संक्रामक रोग के खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की है। अधिकारियों ने कहा, मंकीपॉक्स का खतरा अब अफ्रीका के बाहर बढ़ता हुआ भी देखा जा रहा है। कांगों में इस खतरनाक संक्रमण के कारण सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं। हम स्वीडन और अन्य देशों के साथ चर्चा कर रहा है कि इन मामलों को किस तरह से प्रबंधित किया जा सकता है। आने वाले हफ्तों में यात्रा से संबंधित मामलों के और बढ़ने की आशंका है। सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है, हालांकि यात्रा को प्रतिबंधित करना या सीमा बंद करने की आवश्यकता नहीं है।
भारत को भी सावधान रहने की सलाह:- स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मंकीपॉक्स को लेकर भारत को भी सावधान हो जाने की जरूरत है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में संक्रमण रिपोर्ट किए जाने के बाद खतरा और भी बढ़ गया है। कोरोना के दौरान जुलाई 2022 में भारत में पहली बार मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2023 में जुलाई के अंत तक, देश में मंकीपॉक्स बीमारी के कुल 27 मामले सामने आए, जिनमें केरल से 12 मामले थे। इस साल अब तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।
क्या है मंकीपॉक्स वायरस:- बता दें कि मंकीपॉक्सके सबसे ज्यादा मामले अफ्रीका में सामने आ रहे हैं। यह एक महामारी फैलाने वाला वायरस है। यह चेचक जैसा ही वायरस है और जानवरों से इंसानों में फैलता है। इंसान में पहुंचने के बाद यह तेजी से फैलने लगता है। 1958 में इस वायरस की सबसे पहले पहचान की गई थी। मध्य और पश्चिमी एशिया में इसके सबसे ज्यादा मामले पाए जाते हैं। यहां लोग जानवरों के ज्यादा करीब भी रहते हैं।
क्या हैं एमपॉक्स के लक्षण:- एमपॉक्स से संक्रमित होने पर शुरुआत में बुखार आता है। आम तौर पर पूरे शरीर में चकत्ते पड़ने लगते हैं। ये चकत्ते चेहरे और गुप्तांगों पर भी हो सकते हैं। ये सफेद और पीले फुंसी का भी रूप ले सकते हैं जिसमें मवाद भर जाती है। इन चकत्तों में खुजली और दर्द होता है। इसके अलावा बुखार, सिरदर्द, मांस पेशियों में दर्द हो जाता है। हालांकि इस वायरस से विरले ही मौत होती है। आम तौर पर यह खुद ही ठीक होता है।
कैसे फैलता है वायरस:- मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यौन संबंधों और त्वचा के कॉन्टैक्ट में आने से संक्रमण का खतरा ज्यादा रह सकता है। आंख, श्वास, नाक और मुंह के माध्यम से यह वायरस प्रवेश कर सकता है। संक्रमित व्यक्तियों द्वारा छुए गए सामान जैसे बिस्तर, तौलिया आदि से भी यह संक्रमण फैल सकता है। इसके अलावा चूहा, गिलहरी और बंदर के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है।
कैसे खत्म होता है संक्रमण:- सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (ब्क्ब्) के मुताबिक वायरस के संक्रमण में आने के 21 दिन बाद तक लक्षण सामने आ सकते हैं। वहीं यह 14 से 21 दिन तक रहता है। इसके बाद यह खुद ही ठीक होता है। इस बीमारी की वैक्सीन होती है।