देहरादून। उत्तराखंड में लंपी स्किन डिजीज संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। मौजूदा स्तिथि यह है कि लंपी स्किन डिजीज के सक्रिय मवेशियों की संख्या 2,928 पहुंच गई है। बीते दिन 511 मवेशियों में लंपी स्किन डिजीज की पुष्टि हुई। जबकि 16 मवेशियों की मौत हुई। प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे लंपी स्किन डिजीज के मामलों ने सरकार की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले करीब एक महीने के भीतर प्रदेश में हजारों मामले सामने आ चुके हैं। मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ा है। बावजूद इसके लंपी वायरस का अभी तक ना उपचार है और ना ही कोई विशेष टीका। मौजूदा समय में जो मवेशियों को वैक्सीन लगाया जा रहा है वो ‘गोट पॉक्स वैक्सीन’ है। हालांकि, यह वैक्सीन लंपी वायरस के खिलाफ 60 से 70 फीसदी तक असरदार है।
लंपी स्किन डिजीज के नोडल अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदेश में इसी महीने लंपी वायरस के मामले आने शुरू हुए है। रोजाना 300 से 400 मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, राहत की बात ये है कि प्रतिदिन आ रहे मामलों की संख्या सीमित है। लिहाजा बहुत जल्द ही इस वायरस पर काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिले में संक्रमित मवेशियों की संख्या ज्यादा है। इसलिए डॉक्टरों की टीमों को पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा भेजा गया है।