पौड़ी/गढ़वाल। अंकिता भंडारी के परिजनों ने यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट पर सबूत मिटाने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही विधायक को आरोपी बनाने की मांग की है। मुख्य पैरोकार आशुतोष नेगी के साथ प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर विधायक को साक्ष्य मिटाने का आरोपी बनाने की मांग की और अब तक उनके बयान दर्ज नहीं होने पर गंभीर आपत्ति जताई है। वार्ता के दौरान निचली अदालत में चल रही प्रक्रिया पर तो संतोष जताया, लेकिन सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि विधायक ने मौके पर जेसीबी भिजवाई। रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी के कमरे को तुड़वाया। यह अपराध के साक्ष्य मिटाने का कृत्य है, लेकिन उन्हें अब तक आरोपी नहीं बनाया गया है।
विधायक को बनाया जाए आरोपी
आशुतोष ने कहा, रिजॉर्ट तोड़ने वाले जेसीबी ड्राइवर की गवाही के आधार पर विधायक को साक्ष्य मिटाने का आरोपी बनाया जाना चाहिए। आशुतोष नेगी ने कहा कि कोटद्वार की लोअर कोर्ट में इस मामले में कुल 97 गवाह बनाए गए, इसमें 47 की गवाही हो चुकी है। जेसीबी के ड्राइवर ने भी अपने बयान में विधायक के निर्देश पर जेसीबी लेकर रिजॉर्ट तोड़ने वाले की गवाही दी है। आशुतोष नेगी का कहना है कि इस मामले में न सिर्फ स्थानीय विधायक की गवाही होनी चाहिए, बल्कि उन्हें इसी आधार पर आरोपी भी बनाया जाना चाहिए।
ये है पूरा मामला
बता दें कि 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
विवाद होने पर अंकिता को दिया धक्का
पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी। पता चला कि पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ था। ऋषिकेश से लौटते वक्त अंकिता और पुलकित के बीच नहर किनारे फिर से विवाद हुआ और इस बीच पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था। पुलिस ने इस मामले में 22 सितंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था।
अनैतिक कार्य का बनाया जा रह था दबाव
वनंत्रा रिसोर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट जॉब करने वाली पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी से अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इस बीच किसी वीआईपी के भी रिसोर्ट में आने की बात सामने आई थीं। आरोप है कि अंकिता के मना करने पर आरोपियों ने उसे नहर में धक्का देकर मार दिया।