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उत्तराखंड में टालना पड़ा मंत्रिमंडल विस्तार, जानिए क्या है वजह…

देहरादून। प्रेमचंद अग्रवाल के मंत्री पद से इस्तीफा और धामी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच उत्तराखंड में विकास की रफ्तार धीमी पड़ गई है। प्रदेश की धामी सरकार एक ओर अपने तीन साल पूरे होने के जश्न की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर नवरात्र पर कैबिनेट नए रूप में दिखाई देगी। कैबिनेट में पांच खाली पद भरे जाने के साथ ही तीन कैबिनेट मंत्रियों की विदाई के संकेत मिल रहे हैं।

बता दें 23 मार्च को धामी सरकार के तीन साल पूरे होने जा रहे हैं। जिसे लेकर सरकार प्रदेशभर में जश्न मनाने की तैयारी कर रही है। जश्न के बाद ही कैबिनेट विस्तार की तैयारी होगी। इसके अलावा कहा जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान में कैबिनेट विस्तार को लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पाई। ऐसे में धामी कैबिनेट की कुर्सियां नवरात्र के बाद ही अलग रूप में नजर आएंगी।

इस बार का कैबिनेट विस्तार आसान नहीं होने वाला है। पार्टी और सरकार दोनों को माथापच्ची करनी पड़ रही है। दरअसल इस बार पार्टी और सरकार को राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों को साधने के साथ-साथ प्रेमचंद अग्रवाल के प्रकरण से उपजी नाराजगी को भी थामना होगा। यही वजह है कि कैबिनेट विस्तार में साफ छवि का विधायकों ही मौका देने पर अधिक जोर रहने वाला है।

कैबिनेट में इन चेहरों को मिल सकती है जगह

वहीं सियासी गलियारों में कैबिनेट में शामिल होने वाले नामों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इन नामों में मदन कौशिक, विनोद चमोली, बिशन सिंह चुफाल, खजान दास, बंशीधर भगत, मुन्ना सिंह चौहान और अरविंद पांडेय के नाम शामिल हैं।

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