ऋषिकेश। देहरादून जिले की कमान संभालने के बाद से ही जिलाधिकारी सविन बंसल एक्शन में है। अपनी कुर्सी संभालने के बाद से ही डीएम बिना सूचना दिए कभी औचक निरिक्षण के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो कभी शिकायत मिलने के बाद ग्राहक बन शराब के ठेके के बाहर। शुक्रवार को जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश का औचक निरीक्षण किया। जहां उन्होंने ओपीडी का पर्चा कटवाए और मरीजों से भी बात की, आधा घंटा अस्पताल में रहने के बावजूद अस्पताल के किसी भी स्टाफ को जिलाधिकारी के मौजूद होने की भनक तक नहीं लगी।
इस दौरान चिकित्सालय में स्टाफ और चिकित्सकों के उपस्थिति रजिस्टर को अपने कब्जे में लेते हुए पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया। व्यवस्थाओं को देख मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ऋषिकेश को व्यवस्थाओं पर फटकार लगाते हुए रिकॉर्ड सहित तहसील दिवस में तलब किया गया। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में वार्ड खाली एवं मरीज ना होना चिकित्सालय की व्यवस्थाओं पर गहरी नाराजगी जताई।
वेतन रोकने के दिए निर्देश
निरीक्षण के दौरान डीएम ने अस्पताल में 5 से 6 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के बावजूद वार्ड खाली होने और ऑपरेशन थिएटर में मरीज न होने पर सवाल उठाए। उन्होंने सीएमएस की अनुपस्थिति और अव्यवस्थाओं के लिए वेतन रोकने के निर्देश दिए। डीएम ने पाया कि बिजली कटने के कारण आईसीयू में ताला और टीकाकरण कक्ष में एएनएम की अनुपस्थिति है। डीएम ने सीएमएस को फटकार लगाते हुए ड्यूटी से नदारद मिले चार चिकित्सकों का वेतन रोकने और प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के निर्देश दिए।
ठेकेदार पर लगाया 50 हजार का जुर्माना
जिलाधिकारी सविन बंसल ने अस्पताल की खराब सफाई व्यवस्था के चलते संबंधित सफाई ठेकेदार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। डीएम बंसल ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से इस मामले पर रिपोर्ट तलब की है। डीएम सविन बंसल ने कहा कि गढ़वाल का बेस अस्पताल होने के नाते इस प्रकार की अव्यवस्थाएं चिन्ताजनक हैं और प्रशासनिक स्तर पर सुधार की आवश्यकता है।