देहरादून। राजधानी दून के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित स्कॉलर्स होम स्कूल पर शिक्षा विभाग ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही आगामी सत्र से स्कूल संचालन और दाखिले पर रोक लगा दी है। स्कूल प्रबंधन पर बिना मान्यता के स्कूल का संचालन करने का आरोप लगा है जो निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम एवं नियमावली का उल्लंघन है। शिक्षा विभाग ने एक नहीं, बल्कि दो बार स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजा, लेकिन जवाब न मिलने पर शिक्षा विभाग ने स्कॉलर्स होम स्कूल पर शिक्षा विभाग ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही आगामी सत्र से स्कूल संचालन और दाखिले पर रोक लगा दी है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉक्टर मुकुल कुमार सती ने कहा कि स्कॉलर्स होम द्वारा एस्लेहॉल के पास बिना मान्यता दूसरे ब्रांच स्कूल का संचालन किया जा रहा था। इस संबंध में पूर्व में भी स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जबाव नहीं मिलने के बाद विभाग ने ये कार्रवाई की है। वर्तमान में इस स्कूल में तीन सौ बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि 25 सितंबर 2019 तथा 23 दिसंबर 2022 को स्कूल प्रबंधक व प्रधानाचार्य को इस संबंध में विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया था। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधक द्वारा विद्यालय के मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया गया और ना ही नोटिस का कोई जबाव दिया गया। उन्होंने कहा कि नोटिस के बाद भी प्रबंधक द्वारा लापरवाही करते हुए बिना मान्यता स्कूल का संचालन किया जा रहा था।
इधर, स्कॉलर्स होम की प्रधानाचार्य छाया खन्ना ने कहा कि स्कॉलर्स होम की सीबीएसई से मान्यता है। इसकी दूसरी ब्रांच एस्लेहॉल पर खोली गई है जिसमें आठवीं तक के करीब 300 बच्चे पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीबीएसई से मान्यता के बाद राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से ब्रांच स्कूल के लिए मान्यता लेनी होती है इसके बारे में पता नहीं था। प्रधानाचार्य ने कहा कि मान्यता के लिए आवेदन कर दिया गया है।