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Kolkata Doctor Case: अस्पतालों में बेहतर होंगे सुरक्षा इंतजाम, जानिए स्वास्थ्य मंत्रालय के अहम निर्देश

नई दिल्ली। कोलकाता के एक अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी केंद्र सरकार के अस्पतालों, चिकित्सा संस्थानों और सभी एम्स प्रमुखों को चिट्ठी लिखकर व्यापक सुरक्षा इंतजाम करने का आदेश दिया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि अस्पतालों में अनाधिकृत लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। क्योंकि कई बार अस्पतालों में मेडिकल सहायता को लेकर असहमति के चलते विवाद और हिंसा तक होती है। स्टाफ के साथ अभद्रता की जाती है। इसलिए स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा अति आवश्यक है। मंत्रालय ने कहा कि अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाने होंगे। अस्पतालों को जरूरी निर्देशों का पालन करना होगा।

ये निर्देश किए गए जारी…

▶️ अस्पतालों में राज्य सरकार द्वारा हिंसा को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों की जानकारी को प्रदर्शित किया जाए।

▶️ अस्पतालों के प्रवेश, निकास, कॉरिडोर, ब्लैक स्पॉट और संवेदनशील इलाकों में में उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी लगाए जाएं। इसके अलावा आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए कंट्रोल रूम बनाया जाए। इसमें एक प्रशासनिक कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी की 24 घंटे तैनाती की जाए।

▶️ अस्पताल में गश्त और निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाए।

▶️ प्रवेश और निकास द्वारों पर अधिकृत कर्मचारियों के प्रवेश पर सख्त नजर रखी जाए। स्टाफ, मरीज और उनको देखने आने के वालों के लिए पहचान पत्र जारी किया जाए। अस्पताल के स्टाफ के लिए काम के दौरान आई कार्ड पहनना अनिवार्य हो। मरीज को देखने और विजिट करने वालों की निगरानी के लिए आवश्यक इंतजाम किए जाएंगे।

▶️ मरीज के साथ केवल एक या दो तीमारदार ही रहें। साथ ही उनके पास भी आईकार्ड होगा।

▶️ अलग-अलग तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए विस्तृत योजना बनाई जाए। इसे समय-समय पर अपडेट करने के साथ ही दोहराया जाए। स्टाफ, सुरक्षा कर्मियों को आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाए और मॉकड्रिल की जाए।

▶️ सुरक्षा संबंधी खतरों से निपटने के लिए अस्पताल के स्टाफ, डॉक्टर, नर्स और प्रशासनिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए। उनको आपात स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कौशल से परिपूर्ण किया जाए।

▶️ आपात स्थिति के दौरान हालात पर नियंत्रण बनाने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम को मजबूत किया जाए।

▶️ अस्पताल परिसरों के ब्लैक स्पॉट की पहचान करने के साथ वहां पर रोशनी के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। इसमें खासकर महिला स्वास्थ्य कर्मी के कार्यस्थल, पार्किंग स्थल और प्रवेश-निकास को शामिल किया जाए।

▶️ अस्पताल प्रबंधन को ऐसे मामलों के लिए आपात सेवाओं और पुलिस से समन्वय बनाना जरूरी है। सुरक्षाकर्मियों को सुझावों और घटनाओं के आधार पर अपडेट किया जाए।

▶️ महिला स्वास्थ्यकर्मियों को सभी सुविधाओं के साथ सुरक्षित ड्यूटी रूम मुहैया कराया जाए। रात के वक्त कम से कम एक से अधिक महिला स्वास्थ्यकर्मी को बुलाया जाए। साथ ही उनको पूरी सुरक्षा दी जाए। रात में उनके परिवहन के लिए भी आवश्यक उपाय किए जाएं।

▶️ अस्पताल में मरीज को पर्याप्त सुविधा, सूचना देने और गाइड करने के लिए मरीज सेवक और मरीज समन्वयक पर्याप्त संख्या में तैनात किए जाएं।

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