देहरादून-उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रिप्ड जींस को लेकर अपने बयान से उपजे विवाद का शुक्रवार पटाक्षेप करने के प्रयास में तीरथ सिंह ने कहा कि परिधानों को लेकर उनकी टिप्पणी भारतीय मूल्य और संस्कृति को केंद्रित करते हुए थीं। उनका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था। मातृशक्ति का सम्मान मेरे लिए सदैव सर्वोपरि रहा है। उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि यदि उनके बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई है, तो वह उसके लिए वह क्षमा मांगते हैं। हर व्यक्ति अपनी इच्छा-पसंद के परिधान पहनने के लिए स्वतंत्र है। स्मरण रहे कि यह विवाद मंगलवार को मुख्यमंत्री तीरथ रावत सिंह के उस बयान के बाद शुरू हुआ, जब उन्होंने देहरादून में बाल आयोग के एक कार्यक्रम में रिप्ड जींस को लेकर विवादित बयान दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि, आज कल के युवा घुटनों पर फटी पैंट पहनकर खुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं। ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने अपनी एक हवाई यात्रा का जिक्र करते हुए एक महिला सहयात्री की रिप्ड जींस को लेकर भी टिप्पणी की। इस मामले में उनका दूसरा वीडियो गुरुवार को वायरल हो गया। तीन दिन पहले उन्होंने महिलाओं के ‘फटी जींस’ पहनने को लेकर टिप्पणी की थी। उनकी टिप्पणी का राज्य में जगह जगह विरोध हो रहा है। देहरादून, अल्मोड़ा, हरिद्वार, हल्द्वानी, रामनगर, काषीपुर समेत कई शहरों में गुरुवार को कांग्रेस ने प्रदर्शन किया और सोशल मीडिया पर भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह की टिप्पणी का विरोध हो रहा है। मुख्यमंत्री तीरथ को घिरता देख उनकी पत्नी डॉ. रश्मि रावत ने तीरथ के बचाव में वीडियो जारी करते हुए कहा कि तीरथ ने जिस संदर्भ में यह बात कही है, उनके अनुसार, सिर्फ एक शब्द को पकड़कर विपक्षियों ने मुद्दा बना लिया है। डॉ. रश्मि बताती हैं कि तीरथ का मानना है कि महिलाओं की भागीदारी समाज और देश निर्माण के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। महिलाएं हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बचाएं, हमारी पहचान को बचाएं, हमारी वेशभूषा को बचाएं। उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है।