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…और 45 साल बाद भारत-चीन सीमा पर चल गई गोली!

जंग की आहट

  • भारतीय सेना ने कहा- हमारी लोकेशन की तरफ आ रहा था चीन  
  • मना किया तो उसने फायरिंग की, लेकिन हमने एलएसी पार नहीं की

नई दिल्ली/बीजिंग। गलवान में अपने 20 सैनिकों की शहादत के बाद और पिछले तीन महीनों से जारी टेंशन के बीच भारतीय सेना ने अपने रूल ऑफ एंगेजमेंट में बदलाव किया है। एलएसी पर फायरिंग को लेकर भारतीय सेना ने चीन के बयान को झूठा बताया है। भारतीय सेना ने कहा कि फायरिंग चीन की तरफ से हुई। जबकि चीन ने बयान दिया था कि फायरिंग भारत की ओर से हुई।
भारतीय सेना के बयान के मुताबिक 7 सितंबर को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) हमारी फॉरवर्ड पोजीशन के नजदीक आने की कोशिश कर रही थी। जब भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो चीनी सैनिकों ने फायरिंग की। उकसाने के बावजूद भारतीय सैनिकों ने गैरजिम्मेदाराना व्यवहार नहीं किया।भारतीय सेना ने यह भी कहा कि हमारी ओर से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर स्थिति सामान्य करने की कोशिश जारी है, जबकि चीन उकसाने वाली हरकतें कर रहा है। हमने एलएसी पार नहीं की और न ही फायरिंग या कोई ऐसी अग्रेसिव हरकत। चीन बेपरवाह होकर दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन करता जा रहा है।
सेना ने कहा कि एक ओर वो हमारे साथ मिलिट्री, डिप्लोमैटिक और राजनीतिक स्तर पर बातचीत कर रहे हैं और दूसरी ओर ऐसी हरकतें। हम शांति कायम रखना चाहते हैं लेकिन देश की संप्रभुता और सरहदों की रक्षा किसी भी कीमत पर करेंगे। सेना के मुताबिक चीन के वेस्टर्न थियेटर कमांड ने झूठे बयान के जरिए अपने देश और बाकी दुनिया के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है।
चीनी सेना के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने 7 सितंबर को पैंगॉन्ग सो के दक्षिणी किनारे पर एलएसी पार कर घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सेना ने एलएसी पार करने के बाद हवाई फायर भी किए। भारतीय सेना ने शेनपाओ इलाके में एलएसी पार की और जब चीनी की पेट्रोलिंग पार्टी भारतीय जवानों से बातचीत करने के लिए आगे बढ़ी तो उन्होंने जवाब में वॉर्निंग शॉट किए यानी हवा में गोली चलाई।
भारतीय सेना के अनुसार घटना 7 सितंबर देर शाम की है। चीन के सैनिक आगे बढ़कर भारतीय इलाके में कब्जे की कोशिश कर रहे थे। वो भारतीय सेना की लोकेशन के काफी नजदीक आ रहे थे। भारतीय सेना ने उन्हें पीछे हटने को कहा। बहस बढ़ी और भारतीय सेना को चेतावनी देते हुए हवाई फायर करना पड़ा। ये इलाका रेचन ला है। सूत्रों के मुताबिक इस झड़प के दौरान एक दो नहीं बल्कि कई राउंड फायरिंग हुई। चीन के सैनिकों ने भी फायर किया। इस फायरिंग के बाद चीन के सैनिक अपनी लोकेशन पर लौट गए। फिलहाल हालात सामान्य हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो हफ्तों से जारी झड़प के बीच भारतीय सेना ने अपने रूल ऑफ एंगेजमेंट में बदलाव किए हैं। हमारे सैनिकों को ऑर्डर मिले हैं कि यदि हालात बिगड़ने लगें और चीनी सैनिक करीब आने की कोशिश करें तो वो फायरिंग कर सकते हैं। इससे पहले 1 सितंबर को भी भारत में चीनी दूतावास ने बयान जारी कर आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने पैंगॉन्ग सो झील के दक्षिणी तट पर फिर से एलएसी क्रॉस की। चीनी सेना के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली ने यह भी कहा है कि भारत अपने सैनिकों को नियंत्रित करे। उनके मुताबिक जब चीन के बॉर्डर गार्डों ने भारतीय सैनिकों को रोका तो उन्होंने गोली चलाई। जिसके बाद पीएलए के सैनिकों को स्थिति को संभालना पड़ा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी सूत्रों के हवाले से एलएसी पर फायरिंग होने की बात कही है।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एसएल नरसिम्हन बताते हैं कि भारत और चीन की सीमा से जुड़े कई अनसुलझे सवाल हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल 1962 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई, लेकिन जमीन पर अब तक उसकी हदबंदी नहीं हुई है। यही वजह है कि दोनों देशों की सरहद को लेकर अपनी-अपनी धारणाएं हैं। इसी के चलते ऐसे इलाके पनपे हैं, जिन पर दोनों देश अपना दावा करते हैं। नतीजतन कई विवादित और संवदेनशील इलाके बन गए हैं। जब भी दोनों देशों की पैट्रोलिंग पार्टी इन विवादित इलाके में जाती है तो झड़प हो जाती है।

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