महाराष्ट्र। पुणे में रविवार (19 मई) को तेज रफ्तार पोर्श कार की टक्कर से दो लोगों की जान चली गई। इस केस में आरोपी नाबालिग है और उसे कोर्ट की तरफ से जमानत मिल गई है। किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत देते हुए कहा कि कार दुर्घटना पर एक निबंध लिखें और ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करें।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी के वकील ने कहा कि उसकी जमानत में पुनर्वास और जागरूकता की शर्तें हैं। नाबालिग की हिरासत के 14 घंटे के भीतर आए अदालत के आदेश के अनुसार, उसकी रिहाई पर कई शर्तें लगाई गईं जो ये है-
- 15 दिनों तक यातायात पुलिस के साथ काम करना।
- मनोवैज्ञानिक से ट्रीटमेंट कराना।
- सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान’ पर 300 शब्दों का निबंध लिखना।
- नशा मुक्ति केंद्र जाकर शराब छुड़ाना।
- यातायात नियमों का अध्ययन कर जुवेनाइल बोर्ड के सामने उसको पेश करना।
- भविष्य में दुर्घटना के शिकार लोगों की सहायता करना, अगर वह किसी दुर्घटना का गवाह बनता है।
पुलिस ने बताया कि दुर्घटना करीब सवा तीन बजे कल्याणी नगर में हुई। कल्याणी नगर के एक भोजनालय में पार्टी के बाद दोस्तों का समूह अपनी मोटरसाइकिल पर घर लौट रहा था। प्राथमिकी के अनुसार जब वे कल्याणी नगर जंक्शन पर पहुंचे, तो एक तेज रफ्तार लक्जरी कार ने मोटरसाइकिलों में से एक को टक्कर मार दी, जिससे मोटरसाइल सवार दो लोग गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसमें कहा गया है कि दोनों को टक्कर मारने के बाद कार सड़क किनारे फुटपाथ की रेलिंग से टकरा गई।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला…
डीसीपी मगर ने कहा कि हम आरोपी की उम्र का पता लगाने के लिए उसके प्रमाण पत्रों की भी जांच कर रहे हैं, क्योंकि वह नाबालिग होने का दावा कर रहा है। डीसीपी ने बताया कि पुलिस ने नाबालिग पर आईपीसी की धारा 304ए, 279, 337, 338 और 427 के साथ-साथ महाराष्ट्र मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने और जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।