नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद नीतिगत निर्णय की घोषणा कर दी गई है। छह सदस्यों की कमिटी में सभी सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया है। वहीं पांच सदस्यों ने अकोमेडटिव रुख वापस लेने के पक्ष में फैसला दिया है। आरबीआई एमपीसी ने रेपो रेट को 6.50% पर रखने का स्थिर रखा है।
हालांकि, गवर्नर ने कहा कि महंगाई थोड़ी नीचे आई है, लेकिन ये अभी भी चिंता का विषय है. ये लगातार दूसरी बार रेपो रेट स्थिर रखा गया है। मई, 2022 से अब तक रेपो रेट में 2.5 फीसदी का इजाफा किया जा चुका है। पिछली RBI MPC मीटिंग अप्रैल, 2023 में हुई थी। तब सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था।
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 4 प्रतिशत से अधिक बनी रहेगी। FY 24 में सीपीआई 5.2 से घटकर 5.1 प्रतिशत रह सकती है। वहीं FY 24 में 6.5% की विकास दर संभव है। इस दौरान तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत विकास दर का अनुमान है। वहीं FY 24 की पहली तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ आठ प्रतिशत रह सकती है। वहीं चाैथी तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ 5.7% रह सकती है। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण मांग मजबूत बनी हुई है।
वहीं आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि देश की इकोनॉमी में जारी रिकवरी को बरकरार रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। हालांकि उन्होंने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो आगे रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा सकती है। लेकिन आंकड़ों की गणना करने के बाद रिजर्व बैंक ने एक बार फिर से ब्याज दरों को स्थिर रखते हुए उसे 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है।
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